भारत में हर रोज हो रहे 34 बैंक फ्रॉड: रिपोर्ट
नई दिल्ली: : भारत के बैंकिंग सेक्टर के लिए वित्त वर्ष 2017 बेहद खराब रहा। एक रिपोर्ट के अनुसार, ताबड़तोड़ बैंकिंग घोटालों से त्रस्त अपने देश में वर्ष 2017 में हर घंटे एक फर्जीवाड़ा हुआ। इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स एडवायजरी सर्विसेज (आईआईएएस) की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल, 2016 से मार्च, 2017 के बीच भारतीय बैंकों ने वित्तीय धोखाधड़ी के 12,533 मामले दर्ज कराए थे। इससे विभिन्न बैंकों को तकरीबन 18,170 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। आंकड़ों की मानें तो हर रोज 34 से भी ज्यादा बैंक फ्रॉड के मामले हुए। बैंकों में व्यापक पैमाने पर वित्तीय फर्जीवाड़े के लिए कमजोर आंतरिक नियंत्रण को जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बड़ी संख्या में फर्जीवाड़े की घटनाओं से बैंकों में कमजोर आंतरिक नियंत्रण का पता चलता है। इससे बैंकों की बैलेंस शीट के स्थायी तौर पर गड़बड़ाने का गंभीर खतरा है।’ आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर केसी. चक्रवर्ती ने बैंकों में व्यापक पैमाने पर होने वाले वित्तीय फर्जीवाड़े के लिए प्रबंधन और विनियामक संस्था (आरबीआई) के कमजोर नियंत्रण और लचर निगरानी प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया था।
ऑडिट पर ज्यादा खर्च करने के बावजूद सरकारी बैंक बदहाल: वित्तीय फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकारी बैंक निजी बैंकों की तुलना में ऑडिट पर ज्यादा खर्च करते हैं। इसके बावजूद इस मामले में सरकारी बैंकों की हालत खस्ता है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ऑडिट की गुणवत्ता सुधारने में बैंक असफल रहे हैं। बैंकों को ऑडिट के स्वरूप में बदलाव के साथ ही संतुलन बनाए रखने पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही रोजमर्रा के काम में आने वाली कमियों को भी दूर करना होगा।’ निजी बैंकों की तुलना में सरकारी बैंकों में जांच-पड़ताल की प्रक्रिया कई चरणों में होती है, इसके बावजूद घोटालों और फर्जीवाड़े के मामले भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ही सबसे ज्यादा हैं।