राज्यपाल ने पर्यटन भवन में फैशन फैस्टिवल का उद्घाटन किया

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज पर्यटन भवन में अस्मा हुसैन इंस्टीटयूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित 24 से 30 मई तक चलने वाले फैशन फैस्टिवल का उद्घाटन किया। फैशन फैस्टिवल का आयोजन हस्तकला पर्यटन (हैण्डीक्राफ्ट टूरिज्म) को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है, जिसमें इंस्टीटयूट की छात्राओं ने हस्तनिर्मित आरी जरदोजी, चिकन व अन्य हस्तकलाओं का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर इंस्टीटयूट की मुख्य प्रबंध निदेशक श्रीमती अस्मा हुसैन, कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार, पूर्व कुलपति अनीस अंसारी, फैशन डिजायनर निदा महमूद सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर इंस्टीटयूट की स्मारिका का विमोचन भी किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की जरूरत है। महिलायें शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रही हैं। हमें यह सोचना होगा कि देश कैसे प्रगति करे। देश की प्रगति तभी संभव है जब हर हाथ को काम मिलेगा। राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि इंस्टीटयूट द्वारा 4700 लड़कियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को इस क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
श्री नाईक ने कहा कि देश और महिला सशक्तिकरण के लिए ऐसे आयोजन अत्यंत प्रासंगिक हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कौशल विकास को प्रोत्साहित करने की बात कहते है। कौशल विकास एक वरदान है जिसका लाभ देश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि महिलायें आगे बढे़ंगी तो देश बढे़गा।
राज्यपाल ने कहा कि लोगों को अपने देश की कला के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के हर जिले का अपना महत्व है और इस तरह की कलाओं को प्रोत्साहित करने में लखनऊ का अधिक महत्व है। अन्य प्रदेशों से लखनऊ आने वाले लोगों को लखनऊ की चिकनकारी का काम विशेष रूप से बहुत पसंद है। शायद ही कोई ऐसा शहर होगा जहाँ कला, गीत, संगीत और नाट्य, इतनी खूबियाँ एक साथ एक जगह देखने को मिलती हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, काशी धार्मिक राजधानी है तो लखनऊ कला की राजधानी है।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रवीर कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हस्तकला में लखनऊ का देश में महत्वपूर्ण स्थान है। उत्तर प्रदेश की समृद्धि उसके हुनर के कारण है। उत्कृष्ट हस्तकला का श्रेय कारीगरों को जाता है। उन्होंने कहा कि पारम्परिक कौशल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाने की जरूरत है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर हस्तकला के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली सुश्री किसा मेहदी, सुश्री नौशीन नक़वी, सुश्री हिना जाफ़री, सुश्री जीनत बानो, सुश्री आईना रिज़वी, सुश्री अमीरा हुसैन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में श्रीमती अस्मा हुसैन ने उत्तर प्रदेश की संस्कृति और हस्तकला के विकास पर विस्तार से चर्चा की तथा श्री अनीस अंसारी पूर्व कुलपति ने आभार व्यक्त किया।