लखनऊ: मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू कराने के सन्दर्भ में इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी के नेतृत्व में पत्रकारों के एक शिष्टमंडल ने उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव (श्रम) अनीता भटनागर जैन से मुलाकात कर अपना ज्ञापन सौपा.
इसके पूर्व आईएफडब्लूजे लगातार इस मामले में सक्रिय रहा है. संगठन मुख्यमंत्री सहित श्रम मंत्री और मुख्य सचिव से मिल कर अपनी मजीठिया वेज बोर्ड की सिफरिशों को लागू करवाने के लिए और सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की और से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करवाने का दबाब बनाता रहा है.
आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी के अनुसार प्रमुख सचिव श्रम ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव द्वारा अग्रसारित संगठन के ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए सभी जरूरी आंकड़े मंगवा कर अपनी स्टेटस रिपोर्ट सुपीम कोर्ट को दाखिल कर दी है. प्रमुख सचिव ने बताया कि इस संबंध में विभाग ने पहले जो रिपोर्ट तैयार की थी वह संतोषजनक नही थी जसके बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों से वास्तविक आंकड़ों के साथ रिपोर्ट तैयार करने को कहा. उन्होंने जानकारी दी कि श्रम विभाग ने भरसक प्रयास कर रिपोर्ट तैयार कर दाखिल कर दिया है.
हेमंत तिवारी ने कहा कि आज हुयी भेंट में शिष्ट मंडल ने प्रमुख सचिव से मांग की है कि वे अपने स्तर से इस विषय के सम्बन्ध में सार्थक और ठोस पहल जारी रखे जिससे प्रदेश के श्रमजीवी पत्रकारों का भविष्य सुरक्षित हो सके. तिवारी के नेतृत्व में प्रमुख सचिव से मिलने वाले पत्रकारों के शिष्टमंडल ने अवगत कराया कि मजीठिया रिपोर्ट के आने के बाद और उस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए यूपी के कई बड़े अखबारों ने अपने कर्मचारियों को अन्यत्र व सहयोगी कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया है. कई समाचार पत्रों के प्रबंधन ने मजीठिया को लागू कराने को लेकर संघर्षरत कर्मचारियों का उत्पीड़न भी शुरु कर दिया है.
प्रमुख सचिव श्रम से मिलने वाले शिष्टमंडल में आईएफडब्लूजे के उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी के साथ राष्ट्रीय पार्षद उत्कर्ष सिन्हा, राजेश मिश्रा, शबाहत हुसैन विजेता, भास्कर दुबे, इद्रेश रस्तोगी व राजेंद्र गौतम सहित कई पत्रकार शामिल थे.