बिहार में साम्प्रदायिक हिंसा पर बोली जेडीयू – कोई भी कीमत भुगतने को तैयार
नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय राज्य में दंगों के लेकर तीखी आलोचनाएं झेल रहे हैं. कांग्रेस ने उनको 'असहाय' कहा तो बिहार में मुख्य विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी का एजेंडा लागू होने दे रहे हैं. 'धर्मनिरपेक्ष' और 'सुशासन' की छवि को नुकसान होते देख जेडीयू की ओर से भी बीजेपी को कड़ा संदेश देने की कोशिश की गई ताकि पार्टी अपने नेताओं पर लगाम लगाए. एनडीटीवी से बातचीत में जेडीयू के महासचिव श्याम रजक ने कहा, 'नीतीश जी कभी कानून-व्यवस्था के नाम पर समझौता नहीं करते है. पार्टी इसके लिए कोई भी कीमत देने के लिए तैयार है.'
पार्टी की ओर से दिया गया यह बयान सीएम नीतीश कुमार के उस बयान से कहीं ज्यादा तीखा है जिसमें उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता 'स्वीकार' नहीं है. लेकिन नीतीश कुमार के इस बयान का कोई असर बीजेपी नेताओं पर नहीं पड़ा था. भागलपुर से शुरू हुई हिंसा समस्तीपुर के कुछ इलाकों और उनके गृह जिले को नालंदा तक पहुंच गई.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि नीतीश कुमार इन घटनाओं से काफी असहज महसूस कर रहे हैं जो उनकी सुशासन की छवि पर बट्टा लगा रही हैं. हालांकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के कुछ नेताओं का मानना है कि अब मुख्यमंत्री को कुछ बातों के साथ ही रहना चाहिए. उनका मानना है कि यह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए जमीनी आधार बनाने की कोशिश है. वहीं एक बीजेपी नेता का कहना है कि यह जेडीयू के साथ सोशल इंजीनियरिंग और ध्रुवीकरण को लेकर रस्साकस्सी चल रही है.