लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि केंद्र का विकल्प क्षेत्रीय दल हैं. लोकतांत्रिक प्रगतिशील ताकतें देशहित में एक साथ रहेंगीं. भाजपाई इससे बुरी तरह बौखला गए हैं क्योंकि गरीब, किसान, दलित और पिछड़े सब सांप्रदायिक और लोकतंत्र विरोधी शक्तियों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रता आंदोलन के आदर्शों का अवमूल्यन कर दिया है. वे समाज को तबाह करना चाहते हैं.

अखिलेश यादव कानपुर के भौती में एक संस्थान में शिक्षाविदों और छात्रों को संबोधित कर रहे थे. अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर में लोकसभा के उपचुनाव जनता के चुनाव थे. क्षेत्रीय मतदाताओं की इच्छा-अनिच्छा उसमें जाहिर होती है. जनता ने उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का भरपूर समर्थन किया. राज्यसभा के चुनाव इंतजाम का चुनाव था. 2019 में फिर चुनाव होना है. इसमें भी जनता डगमगाएगी नहीं, जनता ही लोकतंत्र की ताकत है.

उन्होंने कहा​ कि भाजपा की सम्पूर्ण राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए है. उसने राजनीति में जाति-धर्म का जहर घोल दिया है. राज्य और केन्द्र में भाजपा की सरकारें हैं. लेकिन विकास के लिए कुछ भी नहीं किया गया. जबकि भाजपा में परिवार और जाति का खासा दखल दिखाई देता है. भाजपा सरकारें हर मोर्चे पर विफल रही हैं. परिवारवाद और जातिवाद के आरोप भाजपा विपक्ष पर न मढ़े. जबकि भाजपा जातिवाद और परिवारवाद की पोषक है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समाजवादी जाति-धर्म की राजनीति नहीं करते हैं. हम किसान, गरीब, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं और जाति नहीं काम पर विश्वास करते हैं. हम दूरदर्शिता के साथ प्रगतिशील और नई सोच वाले हैं. भाजपाई हमें पिछड़ा बताते हैं. अच्छा हो कि एक बार जनगणना में जाति गणना भी हो जाए ताकि हरेक को उसकी संख्या के आधार पर जीवन के हर क्षेत्र में अधिकार और अवसर मिल सके. इसमें आधार कार्ड की भी मदद ली जा सकती है.

अखिलेश ने कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं. महोबा में 27 किसानों ने जान दे दी. विकास का ढांचा चरमरा गया हैं. विकास के मामलों में समाजवादियों ने कई मिसालें कायम की हैं. समाजवादी सरकार के कार्यकाल में विद्युत उत्पादन दोगुना हुआ. देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे है, जहां कृषि उत्पाद की मंडियों की व्यवस्था की गई थी. समाजवादी सरकार में पुलिस में भर्ती हुई, शिक्षामित्रों का समायोजन हुआ और उर्दू शिक्षकों की भर्ती हुईं. आज भाजपा सरकार में भर्तियां रुकी हुई हैं. उनके परीक्षा परिणाम रोक लिए गए हैं. आंगनबाड़ी, आशा कार्यकत्री, टीईटी प्रशिक्षुओं को न्याय नहीं मिल रहा है. एसएससी परीक्षा में धांधली हुई. 15 लाख छात्र-छात्राएं हाईस्कूल-इंटर बोर्ड की परीक्षाओं से वंचित हो गए.

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने बहकाने का काम किया. जबकि हमने समझाने का रास्ता अपनाया. भाजपाई तौर तरीका लोकतंत्र से धोखा हैं. भाजपा ने नौजवानों, किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया हैं. देश के विश्वास के साथ उनका छलावा हमेशा याद रहेगा. इसका जवाब सन् 2019 और 2022 में जनता देगी