sultanpur: निजीकरण के विरोध में भड़के विद्युतकर्मी
शक्तिभवन का 27 मार्च को करेंगे घेराव, फैसला वापस न होने पर करेंगे बिजली गुल
सुलतानपुर । योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सूबे की सरकार के कैबिनेट
द्वारा प्रदेश के पांच महानगरों के विद्युत वितरण निगम को निजीकरण में
करने का फैसला लिया गया । जिसके बाद पूरे प्रदेश के साथ ही सुलतानपुर
जिले के विद्युत अधिकारी व कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर देखा
जा रहा है । मंगलवार को विद्युत वितरण निगम के सारे अधिकारियों व
कर्मचारियों ने घरना देकर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए निजीकरण के फैसले
को वापस लेने की मांग की । इस मुद्दे पर जिले के सभी संगठन एकमत नजर आ
रहे हैं । सभी का कहना है कि ‘व्यवस्था दो काम लो’ ।
बताते चलें कि हाल ही में योगी सरकार के कैबिनेट द्वारा सूबे के पांच
महानगरों के विद्युत वितरण निगम की जिम्मेदारी निजी हाथों में दिए जाने
का फैसला लिया था। सरकार के फैसले से विद्युत विभाग के अभियंताओं,
कर्मियों के कान खड़े हो गये और वे इस सरकारी फैसले के खिलाफ आन्दोलित हो
उठे । विद्युत वितरण निगम के जूनियर इंजीनियरों ने अधीक्ष्ज्ञण अभियंता
कार्यालय के ठीक सामने धरना प्रदर्शन करते हुए यह कहा कि निजीकरण न करके
सरकार व्यवस्था दे और हमसे काम ले क्योंकि निजीकरण से कम से कम 16
प्रतिशत कमीशन फैंन्चाइजियां लेगी जिससे विद्युत उपभोक्ताओं पर बोझ
बढ़ेगा। अवर अभियन्ताओं का कहना है कि कैबिनेट फैसले को वापस न लेने तक यह
आन्दोलन जारी रहेगा। आन्दोलन को व्यापक बनाने के लिए 27 मार्च 2018 को
विद्युत मुख्यालय शक्ति भवन लखनऊ पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।
कैबिनेट फैसला वापस न लेने पर पूरे प्रदेश में कार्य का बहिष्कार किया
जाएगा। धरनारत विद्युत कर्मियो ंने सरकार विरोधी नारे लगाये और बड़े
आन्दोलन का संकेत दिए । उक्त आन्दोलन की अगुवाई कर रहे राज्य विद्युत
परिषद जूनियर इंजीनियर संघ सुलतानपुर के संरक्षक बीपी सिंह, पवन कुमार
गुप्ता, एलबी सिंह एवं विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ, विद्युत
कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, विद्युत कार्यालय सहायक संघ के सभी
पदाधिकारी एवं सदस्यों ने धरने में प्रतिभाग किया।