यह भाजपा की नीतियों की नहीं प्रत्याशियों की हार है
गोरखपुर, फूलपुर में हार पर बोले योगी, कहा- प्रत्याशियों ने समझा जीत थाली में रखी मिल जाएगी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में गोरखपुर तथा फूलपुर लोकसभा उपचुनावों में भाजपा को मिली हार को अपनी पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों के खिलाफ जनादेश मानने से इनकार किया है. मुख्यमंत्री ने यहां एक मीडिया हाउस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में भाजपा को मिली पराजय उसकी नीतियों और कार्यक्रमों के खिलाफ जनादेश नहीं है. योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने भाजपा के वोट बैंक में कोई सेंध नहीं लगाई है और भाजपा इन चुनावों से सबक लेते हुए भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करेगी. मुख्यमंत्री ने सपा और बसपा के समझौते को एक राजनीतिक डील करार देते हुए कहा कि यह कोई गठबंधन नहीं है. हर कोई जानता है कि इन दोनों दलों ने उत्तर प्रदेश का कितना ज्यादा नुकसान किया है.
अपने गढ़ गोरखपुर और फूलपुर में भाजपा की पराजय के कारणों के बारे में योगी ने कहा कि अति आत्मविश्वास और प्रत्याशियों की बेफिक्री इसकी मुख्य वजह रही है. भाजपा प्रत्याशियों ने यह समझा कि उन्हें जीत थाली में रखी मिल जाएगी. उपचुनाव में भाजपा की पराजय के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से बात करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने हां में जवाब दिया. लेकिन इस बारे में यह कहते हुए ज्यादा कुछ बताने से इनकार कर दिया कि घर की बातें सार्वजनिक तौर पर नहीं बतायी जाती. कार्यक्रम के दौरान जब उनसे कहा गया कि कोई भी संत अपने विरोधियों के खिलाफ इतने तल्ख शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता, योगी ने कहा, ‘‘मैंने जो भी कहा है वह सही है और मैं उस पर कायम हूं.’’ मालूम हो कि योगी ने पिछले दिनों उपचुनाव प्रचार के दौरान सपा और बसपा को सांप और छछूंदर कहा था. योगी ने कहा कि सपा और बसपा प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां हैं. दोनों वन मैन शो पर आधारित हैं और दोनों का चरित्र अलोकतांत्रिक है.
टिप्पणिया एक सवाल पर उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी क्या अब साइकिल (सपा का चुनाव चिन्ह) की सवारी छोड़कर हाथी (बसपा का चुनाव निशान) की सवारी करेंगे. सोमवार को अपनी सरकार का एक साल पूरा करने जा रहे योगी ने दावा किया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की छवि बदल दी है. सरकार ने विकास को रफ्तार दी है. इस दौरान एक भी दंगा नहीं हुआ। सभी धार्मिक पर्व शांतिपूर्वक मनाये गये. इस सवाल पर आगामी लोकसभा चुनाव के नजदीक आ रहा है, ऐसे में अपनी सरकार के कार्यकाल के दूसरे वर्ष को कैसे देखते हैं.