भूमि को लेकर किसान और चीनी मिल में संघर्ष किसानों ने जमीन खाली कराई

लखीमपुर खीरी । एक तरफ राज्य और केंद्र की सरकारें किसानों के हित के लिए तमाम योजनाये चला रही है । तो वही क्षेत्र में स्थापित श्रीराम ग्रुप की डीएससीएल चीनी मिल अजबापुर के अधिकारी कर्मचारी किसानों का लगातार शोषण करने में जुटे हुये है । जिसके चलते यहां चीनी मिल लगातार विवादों के घेरे में बनी रहती है । सोमवार की सुबह आठ बजे यहा एक किसान परिवार ने अपने खेत को लेकर यहा प्रदर्शन करने लगा । और परिवार सहित आत्म हत्या की धमकी देने लगा । मामला इतना तूल पकड़ गया कि सैकड़ो किसान उस पीड़ित परिवार के पक्ष में खड़े हो गये । और चीनी मिल के ट्राली यार्ड में प्रदर्शन कर दिया । देखते ही देखते यहाँ चीनी मिल प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों का जमाबड़ा जमा हो गया । मामला मारपीट तक पहुचने बाला था । कि सूचना पर भारी मात्रा में पसगवां कोतवाली सहित क्षेत्र की सभी चौकियों के पुलिस कर्मी भी भारी तादात में पहुच गये । मामला यहाँ किसान की जमीन पर चीनी मिल के अधिकारियों ने रविवार की शाम को अपने पिलर गाड़ कर कब्जा कर लिया था । साथ ही किसान को व उसके परिवार को रविवार को पूरे दिन फैक्ट्री में ही बंधक बनाये रखा । पीड़ित किसान बाबूराम और उसके पुत्र महेंद्र, हरिओम, राजीव, ने बताया कि मेरे छोटे छोटे बच्चे है उनका भरण पोषण का यही एक जरिया है । मेरी 7 बीघा जमीन है । जिस पर रविवार को यहाँ चीनी मिल ने धोखा देकर कब्जा कर लिया । साथ ही मुझे और मेरे परिवार को फैक्टी में वार्ता के वाहाने बंधक पूरे दिन बनाये रखा वही दूसरी तरफ दर्जनो पुलिस कर्मियों का सहारा भी लिया । मेरी जमीन को फैक्टी के नाम करने का दबाब पूरे दिन फैक्ट्री के केन राय, और एससी लाल, बनाते रहे । जिसे सोमवार की सुबह हम परिजनों ने किसानों के हितैसी नेता, क्रांति कुमार सिंह से मदद मांगी और समस्या बताई । किसान नेता ने प्रदर्शन के दौरान पहुच कर मामले गंभीरता से लेकर फैक्ट्री कर्मचारियों से वार्ता की और चीनी मिल के अधिकारियों के इस रवैये को गलत, उनकी हर बात का मुह तोड़ जबाब दिया । कहा किसानों का शोषण नाजायज नहीं हम बरदास्त नही करेंगे । इसके लिये चाहे हमे जी जान क्यो न ही लगा देना पड़े । बैसे भी मिलो की लापरवाही से ही किसान जान दे रहा है । जिस पर चीनी मिल प्रशासन के अधिकारियों ने हाईकोर्ट का आदेश दिखा दिया । इस पर किसान नेता ने कहा वो तो आप जीत ही लेगे । क्यो की धन्ना सेठ और एक गरीब किसान की कोई वरावरी नही होती है ।यहां पैसा बोलता है । आप की फैक्ट्री हम किसानों की ही बजह से करोड़ो में हर बर्ष खेलती है । तो आप पैसा फेकेंगे और तमाशा देखेगे । लेकिन सौ रुपये की मजदूरी करने बाला गरीब किसान ये नही कर सकता । आप पैसे कीे दम पर मुकदमा जीत ही लगे उसके बाद भी किसान की जमीन आप उसकी बिना मर्जी के आप नही ले सकते । किसान के साथ न्याय कीजिये आप न्याय करेंगे जमीन आपको किसान की मिलेगी । नही तो आप लड़ने के लिये तैयार रहिये । हम पीछे हटने बालो में से नही है । उसके बाद तहसील प्रशासन भी मौके पर आ गया । मौके पर पहुँची मोहम्मदी एसडीएम स्वाती शुक्ला ने पीड़ित किसान बाबूराम व उसके परिजनो को बुलाया और चीनी मिल के केएन राय के सामने किसान के हित की बात हुई । लेकिन मामला पूरा स्पष्ट नही हो सका । लेकिन जब तक मामला स्पष्ट नही होता है तब तक किसान की जमीन को पुलिस प्रशासन व तहसील प्रशासन की मौजूदगी में ही किसानों ने खाली करवा ली । जिससे क्षेत्र में किसानों के सामने चीनी मिल के अधिकारियों की अच्छी खासी किरकिरी हो गई । बताते चले कि चीनी मिल पहले भी कई बार ऐसे विवादो के घेरे में रह चुकी है । जिसको लेकर किसानों ने प्रदर्शन भी किया था ।

समाजवादी पार्टी के निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष क्रान्तिकुमार सिंह ने हमारे संवाददाता को बताया कि किसानों का उत्पीड़न वह कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते उन्होंने बताया कि मिल ने किसान को 7 बीघा जमीन के बदले दूसरी जगह 10 बीघा जमीन देने का प्रस्ताव रखा है। इसमें समझौता भी हो गया 10 बीघा जमीन मिल प्रशासन किसान को अपनी जमीन देगा और बैनामे का खर्चा भी देगा और 1.60 हजार रुपये जो जमीन मुवावजे के ट्रेजरी में है वो भी किसान को मिलेंगे