लखनऊ: अयोध्या विवाद पर मौलाना नदवी ने लखनऊ में बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वो अब अयोध्या मसले में नहीं पड़ना चाहते हैं. मौलाना नदवी ने अब अपना रुख बदलते हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की वकालत की है. नदवी ने कहा कि अयोध्या मसले में हम कोई पक्षकार नहीं हैं. साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मसले को हमने अपने एजेंडे से निकाल दिया है. नदवी ने साफ कहा कि अयोध्या मसले के जो पक्षकार हैं वो इसे खुद सुलझाएं.

राम मंदिर निर्माण का फॉर्मूला सुझाने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की सदस्यता से मौलाना नदवी की छुट्टी कर दी गई थी. अब उन्होंने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में शर्तों के साथ लौटने को राजी हैं. उन्होंने मांग की है कि असदुद्दीन ओवैसी, कमाल फारूकी, कासिम रसूल और यूसुफ मचाला को बोर्ड से बाहर किया जाए.

इस दौरान उन्होंने ये कहा कि मंदिर और मस्जिद के मसले को हमने अपने एजेंडे से बाहर कर दिया है. इस दौरान उन्होंने अपने पूराने मामले पर सफाई देते हुआ कहा कि मेरे पिछले बयानों को गलत तरीके से पेश किया गया था. राम मंदिर मसला सुलझाने की कवायद करने के चक्कर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की सदस्यता गवां चुके सलमान एक बार फिर से वापसी को तैयार हैं.

इस पहले गुरुवार को आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निष्कासित मौलाना सलमान नदवी से मुलाकात की थी. इस दौरान पूर्व आईएएस अनीस अंसारी और कई अन्य मौलाना भी मौजूद रहे. दोनों के बीच अयोध्या में मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर चर्चा हुई.

मुलाकात के बाद श्रीश्री रविशंकर ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हमें सभी पक्षों की तरफ से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. हम दोनों समुदायों के बीच सौहार्द और अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर बात कर रहे हैं. हमें मुस्लिम समुदाय की तरफ से काफी सहयोग और स्नेह मिल रहा है."