नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक घोटाला को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. दरअसल, इस याचिका में नीरव मोदी को दो महीने के अंदर भारत वापस लाने और बड़े लोन को लेकर नई गाइडलाइन बनाने की मांग की गई है. मंगलवार को याचिकाकर्ता जेपी ढांढ़ा के वकील विनीत ढांढ़ा ने याचिका दाखिल की. इस पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई की जाएगी.

याचिका में कहा गया है कि नीरव मोदी को प्रत्यर्पित कर पैसे की वसूली की जाए और आरबीआई एक नया दिशानिर्देश जारी करे, जिसमें प्रावधान हो कि 10 करोड़ या उससे अधिक रुपए लोन लेने वालों से रिकवरी और उनकी निगरानी सुनिश्चित की जा सके. ऐसे मामले में उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान होना चाहिए.

याचिका में कई उदाहरण दिए गए हैं, जहां लोन चुकाने में असमर्थ रहने पर किसानों को आत्महत्या करनी पड़ती है या बैंक अधिकारियों के द्वारा कार्रनाई का सामना करना पड़ता है. दूसरी तरफ ढांढ़ा ने बताया कि पीएनबी घोटाला के आरोपी नीरव मोदी और उनके चाचा मेहुल चौकसी अपने परिवार के साथ देश छोड़ने में सफल रहे.

याचिका में विजय माल्या, केतन पारेख और हर्षद मेहता से जुड़े पिछले उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा गया है कि ऐसे बड़े फ्रॉड सत्ता के गलियारे में पहुंच के बिना नहीं हो सकते हैं. इसमें कहा गया है कि पीएनबी घोटाला यह भी दर्शाता है कि संबंधित बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी कर्तव्यों का पालन करने में पूरी तरह से लापरवाह रहे हैं.

जनहित याचिका ने वित्त और कानून मंत्रालय, आरबीआई और पीएनबी को पार्टी बनाया गया है. ढांढ़ा ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि नीरव मोदी को दो महीने के भीतर वापस लाया जाए और पैसे की वसूली के लिए कार्यवाई की जाए. पीआईएल में पीएनबी के टॉप अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है और बड़े लोन जारी करने को लेकर नई गाइडलाइन की मांग की गई है.

इसने यह भी दावा किया है कि सरकार को 500 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा का लोन नहीं चुकाने वालों की पूरी सूची देने की मांग की गई है.