3055.98 करोड़ के मुकाबले इस बार अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2 हज़ार 757 करोड़ रुपये का बजट
लखनऊ: योगी सरकार में इस बार का बजट अल्पसंख्यकों के लिए कोई बड़ी राहत लेकर नहीं आया है. बजट थोड़ा मायूस करने वाला है. सीएम योगी के पिछले बजट को देखते हुए आज के बजट में मामूली बढ़ोतरी की गई है. लेकिन खास बात ये है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मदरसा आधुनिकरण के नारे पर चलते हुए कई मद में मदरसों के आधुनिकरण के लिए करोड़ों रुपये दिए हैं. जुलाई 2017 में जारी हुए पिछले बजट से ये राशि बेशक कम है, लेकिन मदरसों को आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया है.

आज जारी हुए बजट में सीएम योगी ने अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2 हज़ार 757 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है. अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 404 करोड़ रुपये, अरबिया पाठशालाओं को 486 करोड़ और मान्यता प्राप्त आलिया स्तर के 246 अरबी-फ़ारसी मदरसों को अनुदान के लिए 215 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है.

जबकि पिछले वर्ष अल्पसंख्यक कल्याण के लिए सीएम योगी ने 2475.61 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था. जबकि अखिलेश यादव सरकार के वर्ष 2016-17 के बजट पर नजर डाली जाए तो 3055.98 करोड़ रुपये अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाओं के लिए दिए गए थे. 2015-16 में भी इस विभाग को 2776 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था.

पिछले वर्ष सीएम योगी ने मदरसा आधुनिकरण के लिए 394 करोड़ रुपये दिए थे, जबकि इस वर्ष 8 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 404 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है.