बाबरी मस्जिद के पक्षकार ने जताया अपनी जान का खतरा
अयोध्या: बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी को अपनी जान का खतरा है. सुरक्षा बढ़ाने को लेकर इकबाल अंसारी गुरुवार को डीएम से मिले. इस दौरान इकबाल अंसारी ने कहा कि उनसे कई लोग लगातार मिलने आ रहे हैं. इससे उनकी जान को खतरा है. उन्होंने कहा कि पहले 4 सिक्योरिटी गार्ड हुआ करते थे, अब प्रशासन ने सिर्फ एक सिक्योरिटी गार्ड के सहारे छोड़ दिया है. उन्होंने डीएम से सुरक्षा बढ़ाए जाने क गुहार लगाई.
इकबाल अंसारी ने कहा कि हम अपनी सुरक्षा के लिए कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि तमाम लोग हमारे यहां आते-जाते रहते हैं. मीडिया से लेकर राजनीति और तमाम संगठनों के लोग दिन भर हमारे यहां आते रहते हैं. इसलिए हमें अपनी जान को खतरा मालूम हो रहा है.
बता दें कि अयोध्या विवाद को लेकर पिछले कुछ समय से सुलह समझौते का दौर चल रहा है. इसे लेकर तमाम लोग इकबाल अंसारी से मुलाकात कर चुके हैं. पिछले साल श्रीश्री रविशंकर भी इस कवायद के साथ अयोध्या पहुंचे थे, और इकबाल अंसारी से मुलाकात की थी. हालांकि मामले में बाबरी मस्जिद विवाद और रामजन्मभूमि केस में पैरोकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी श्रीश्री की इस कवायद को महज राजनैतिक स्टंट ही बताया था. उन्होंने साफ किया था इस विवाद पर सुलह की कोई गुंजाइश ही नहीं बची है.
इकबाल ने कहा कि जब इलेक्शन आता है तो सुलह-समझौते की कोशिश शुरू हो जाती है. अब श्रीश्री को भी इलेक्शन के समय पर भगवान राम की याद आई है. जब कहीं सुलह समझौते की बात आती है. तो सही तरीके से सुलह की बात करने की बजाए ये लोग मुक़दमा को हटाने की बात करते हैं. अगर हमें अयोध्या छोड़कर मस्जिद बनानी है, तो इसमें सुलह समझौता कहां रह गया? फिर तो हम लोग सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर हैं. कोर्ट चाहे जो करे.
इकबाल अंसारी ने कहा कि जो इस मामले पक्षकार हैं वो जब आपस में बैठकर सुलह समझौते की बात करते हैं तो ये जो बाहरी लोग हैं वो सूंघते रहते हैं. वे उसे और उलझा देते हैं. जैसे ही हम सुलह की दिशा में आगे बढ़ते हैं, वैसे ही कहीं न कहीं से लोग आ जाते हैं. वे कहने लगते हैं कि बाबरी के नाम से मस्जिद नहीं बनने देंगे. ये पूरी दुनिया में बताया गया है कि बाबरी मस्जिद हमने तोड़ा है. अब अयोध्या में मस्जिद नहीं बनने देंगे. इस बात पर मामला उलझता जाता है.