भाजपा के लिए चमत्कार साबित हुए सर्वानंद
नई दिल्ली। असम में पहली बार बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है। अभी तक आए रूझान के हिसाब से असम में भारी बहुमत से बीजेपी की जीत हो रही है। पार्टी ने असम के चुनाव में अपनी रणनीति को बदलते हुए इस बार सर्बानंद सोनोवाल को पहले से ही सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था।
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से ही सीएम पद के उम्मीदवार सर्बानंद सोनोवाल का कद काफी बड़ा हो चुका था और पार्टी भी एक चमत्कार की उम्मीद उनसे कर रही थी। आखिर बीजेपी का ये दांव काम आ गया और बीजेपी की जीत हुई।
सर्बानंद सोनोवाल का जन्म 31 अक्टूबर 1962 को हुआ था, उन्होंने डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। सर्बानंद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1992 से की थी। 1992 से 1999 तक को ऑल आसाम स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट भी रहे। सोनोवाल ने असम गण परिषद ज्वाइन किया और 2001 में विधायक चुने गए। 2004 में पहली बार पूर्व केंद्रीय मंत्री पबन सिंह घाटोवर को हराकर वो लोकसभा में पहुंचे थे।
2011 में असम गण परिषद से विवाद के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। 2012 में उन्हें बीजेपी के असम यूनिट का अध्यक्ष बनाया गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में लखीमपुर सीट से जीत के बाद वो केंद्रीय मंत्री बने। 2015 में एक बार फिर उन्हें असम चुनाव की कमान दी गई और उन्हें सीएम का उम्मीदवार बनाया गया।