पासपोर्ट के लिए अब ऐप से होगा पुलिस वेरिफिकेशन
लखनऊ: पासपोर्ट बनवाना अब और भी आसान होने वाला है। अब 'एम पासपोर्ट पुलिस एप' के जरिए पुलिस वैरिफिकेशन किया जाएगा। शुरुआत में शहर के तीन थानों में यह सुविधा शुरू की जाएगी और एक साल के भीतर सभी थानों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पासपोर्ट आवेदकों को चार से पांच दिन के भीतर पोसपोर्ट मिल सकेगा।
यह जानकारी क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने बुधवार को क्षेत्रीय कार्यालय पर पत्रकारवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि एप्वाइंटमेंट होने के बाद आवेदक के कागजात ऑनलाइन एसएसपी और संबंधित थाना क्षेत्र में भेज दिए जाते हैं। थाने में पुलिसकर्मी उन कागजातों का प्रिंट लेकर आवेदक के घर जाकर उस पर हस्ताक्षकर सत्यापित करते हैं। पर, अब इसमें बदलाव किया जाएगा। थाने में जो कागजात पहुंचेंगे
वह मोबाइल के 'एम पासपोर्ट पुलिस एप' पर भी उपलब्ध होंगे। पुलिसकर्मियों को उसी एप पर आवेदक के घर की फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी और उसका हस्ताक्षर भी उसी करवाना होगा। उसके बाद वह कागजात एसएसपी कार्यालय से वैरीफाई होकर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पहुंच जाएंगे। उसके बाद पासपोर्ट प्रिंट कर भेज दिया जाएगा। इसमें कुल मिलाकर चार से पांच दिन का ही समय लेगेगा।
अधिकतर पुलिसकर्मी आवेदक को थाने बुलाकर कागजातों पर हस्ताक्षर करवाते हैं। मोबाइल एप की सुविधा शुरू होने के बाद यह संभव नहीं हो पाएगा। उनकों आवेदक के घर जाना ही पड़ेगा। साथ ही पुलिसकर्मी आवेदकों का घर न मिलने का बहाना करते हैं। एप के जरिए यदि आवेदक घर पर नहीं है तो उन्हें उसके घर की फोटो एप पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।
पासपोर्ट सेवा केंद्र पर हज यात्रियों के लिए अलग से सेल बनाई गई है। जहां पर वह अपने पासपोर्ट की औपचारिकताओं को पूरा कर सकते हैं। पासपोर्ट अधिकारी के मुताबिक अभी तक करीब 500 आवेदक आवेदन कर चुके हैं।
पासपोर्ट अधिकारी के ने बताया कि वर्तमान में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र पांच जिलों में संचालित हो रहे हैं। इसमें इलाहाबाद, फैजाबाद, झांसी, गाजीपुर व देवरिया शामिल हैं। जल्द ही अन्य 15 जिलों अमेठी, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती गोंडा, जौनपुर, कुशीनगर, मऊ, सीतापुर, प्रतापगढ़, रायबरेली व उन्नाव में भी यह सुविधा शुरू होगी। जिससे वहां के लोगों को पासपोर्ट के लिए अन्य शहरों में जाना नहीं पड़ेगा।
पासपोर्ट अधिकारी के मुताबिक कई बार छात्रों को कम समय में पासपोर्ट की जरूरत पड़ती है। इसको देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय और एकेटीयू के साथ मिलकर नई योजना बनाई गई है। इसके तहत इन छात्रों के लिए अलग से कैंप की व्यवस्था की जाएगी। इसमें छात्रों को विवि से एक वैरीफिकेशन पत्र देना होगा।
पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में विदेश जाने के नाम पर ठगी के बहुत से मामले हो रहे हैं। इनकों रोकने के लिए फरवरी में पासपोर्ट कार्यालय पर एटीएस, एनआरई विभाग समेत अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान एक बुक लांच की जाएगी। जिसकी कीमत एक रुपए होगी। बुक में विदेश भेजे जाने के नाम पर होने वाली ठगी के बारे में जागरूकता की जानकारी होगी। खासकर निम्नवर्ग को इसका लाभ मिलेगा।