भारत में और गहरी हुई आमदनी में असमानता की खाई
नई दिल्ली: ये आंकड़े भारत में बढ़ रही आमदनी की असमानताओं के डरावनेपन को बयां करते हैं. 2017 में पैदा हुई सम्पत्तियों का 73 फीसदी हिस्सा महज एक फीसदी सबसे अमीर लोगों के खाते में गया है. दूसरी तरफ 67 फीसदी भारतीयों की सम्पत्ति में पिछले साल महज एक फीसदी का इजाफा हुआ.
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फॉरम की वार्षिक बैठक से पहले मानवाधिकार संगठन ऑक्सफैम के इस सर्वे से सामने आई आमदनी में असमानताओं की ग्लोबल तस्वीर और भयावह है. दुनियाभर में पिछले वर्ष जितनी सम्पत्ति पैदा हुई, उनका 82 फीसदी हिस्सा महज एक फीसदी लोगों के खाते में गया. जबकि दुनिया के सबसे गरीब 3.7 अरब लोगों की सम्पत्ति में कोई इजाफा देखने को नहीं मिला.
2016 के सर्वे के अनुसार, भारत के 1 फीसदी सबसे अमीर लोगों के पास देश की 58 फीसदी सम्पत्ति है. जबकि पूरी दुनिया में सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों के पास लगभग 50 फीसदी दौलत है.
2017 में अरबपतियों की संख्या में जोरदार इजाफा दर्ज किया गया. दुनिया में हर दो दिन में एक अरबपति पैदा हुआ. 2010 के बाद से अरबपतियों की सम्पत्ति में सालाना औसतन 13 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया, जो सामान्य वर्कर्स के वेतन की तुलना में 6 गुना तेज है, जबकि सामान्य वक्रर्स को कम से कम से वेतन मिलता है.
रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत में न्यूनतम मजदूरी कमाने वाले एक व्यक्ति को सबसे अधिक कमाने वाले एग्जीक्यूटिव के बराबर पैसे कमाने में 941 साल लग जाएंगे. भारत में सिर्फ 57 अरबपतियों के पास 216 अरब डॉलर की संपत्ति है. यह नीचे के 70 फीसदी लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है.
ग्लोबल स्तर पर महज 8 लोगों के पास इतनी संपत्ति है जितनी नीचे के 50 फीसदी लोगों के पास है. भारत में 84 अरबपति हैं. इन 84 लोगों के पास कुल 248 अरब डॉलर की संपत्ति है.
पूरी दुनिया की संपत्ति की कीमत 2557 खरब डॉलर है. इनमें से 65 खरब डॉलर चंद लोगों के पास है. 75 अरब डॉलर बिल गेट्स के पास हैं. 67 अरब डॉलर अमानिको ओर्टेगा के पास है.
दुनिया के सबसे गरीब 50 फीसदी लोगों के पास जितनी संपत्ति सोची गई थी, उससे कहीं कम है. और चीन, इंडोनेशिया, लाओस, भारत, बांग्लादेश व श्रीलंका में 10 फीसदी सबसे धनी लोगों की संपत्ति में 15 प्रतिशत से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है, जबकि सबसे गरीब 10 फीसदी लोगों की आय का हिस्सा 15 फीसदी से ज्यादा घट गया है.