पंड्या की पुरज़ोर परफॉरमेंस से जगीं टीम इंडिया की उम्मीदें
केपटाउन: आॅलराउंडर हार्दिक पंड्या ने अपने चयन को सही साबित करते हुए केपटाउन टेस्ट के दूसरे दिन बड़ी अर्धशतकीय पारी खेलने के बाद दक्षिण अफ्रीका के दोनों सलामी बल्लेबाज़ों को भी पवेलियन भेजा और भारत की पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में वापसी की उम्मीदों को बरकरार रखा.
भारत के मुख्य बल्लेबाज़ों का फीका प्रदर्शन जारी रहा लेकिन अगर टीम 200 रन के पार पहुंच पायी तो उसका पूरा श्रेय पंड्या को जाता है जिन्होंने 95 गेंदों पर 93 रन की आकर्षक पारी खेली और इस बीच भुवनेश्वर कुमार (86 गेंदों पर 25 रन) के साथ आठवें विकेट के लिये 99 रन जोड़े. इससे एक समय सात विकेट पर 92 रन के स्कोर पर संघर्ष कर रही भारतीय टीम 209 रन तक पहुंचने में सफल रही.
अपनी पहली पारी में 286 रन बनाने वाले दक्षिण अफ्रीका ने इस तरह से 77 रन की बढ़त बनायी. उसने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक दो विकेट पर 65 रन बनाये हैं. इस तरह से उसकी कुल बढ़त 142 रन की हो गयी है. भारत की तरफ से दोनों विकेट पंड्या ने लिये.
सही मायनों में खेल का दूसरा दिन पंड्या का नाम रहा. उन्होंने भारत के महान आलराउंडर कपिल देव के 59वें जन्मदिन पर दिखाया कि वह वास्तव में देश का दूसरा कपिल देव बनने की क्षमता रखते हैं. बल्लेबाज़ी में उन्होंने कपिल की तरह बेपरवाह बल्लेबाज़ी करके 14 चौके और एक छक्का लगाया और इसके बाद गेंदबाज़ी में कमाल दिखाकर दक्षिण अफ्रीका के दोनों सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा. उन्होंने अब तक चार ओवर में 17 रन देकर दो विकेट लिये हैं.
दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी पारी में सहज शुरूआत की. एडेन मार्करम (34) ने रन बनाने का बीड़ा उठाया जबकि पहली पारी में तीसरी गेंद पर आउट होने वाले डीन एल्गर (25) ने विकेट बचाये रखने को तरजीह दी. इन दोनों ने लगभग एक घंटे तक भारत को सफलता से वंचित रखा. आखिर में पंड्या ही भारत के बचाव में आगे आये जिन्होंने 11वें ओवर में दूसरे बदलाव के रूप में गेंद संभाली और अपने तीसरे ओवर में टीम को सफलता दिलायी.
पंड्या की शार्ट पिच गेंद को मार्करम ने पुल करने की कोशिश की लेकिन गेंद उनके बल्ले के ऊपरी हिस्से से लगकर हवा में लहरा गयी और प्वाइंट पर भुवनेश्वर कुमार के पास पहुंच गयी. जबकि अगले ओवर में उन्होंने दूसरे सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर को विकेट के पीछे कैच कराकर भारतीय खेमे में दिन में दूसरी बार जोश भरा. स्टंप उखड़ने के समय हाशिम अमला चार और रात्रिप्रहरी कैगिसो रबाडा दो रन पर खेल रहे थे.
इससे पहले भारत ने सुबह तीन विकेट पर 28 रन से पारी आगे बढ़ायी और पहले सत्र में 25 ओवरों में केवल 48 रन बनाये और इस बीच एक विकेट गंवाया. दूसरा सत्र शुरू में दक्षिण अफ्रीका के नाम रहा लेकिन बाद में पंड्या ने उसे अपने नाम किया. भारत ने उनकी आक्रामक पारी से इस सत्र में 109 रन जोड़े और इस बीच तीन विकेट गंवाये.
पंड्या ने उसी तरह की रणनीति अपनायी जैसी कल एबी डिविलियर्स ने भारतीय गेंदबाज़ों के खिलाफ अपनायी थी. हालांकि उन्हें 15 और 71 रन के निजी योग पर दो जीवनदान भी मिले लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उठती गेंदों पर शाट खेलने से परहेज नहीं किया.
जब वह 15 रन पर थे तब गली में एल्गर ने उनका कैच छोड़ा जबकि 71 रन पर महाराज की गेंद पर क्विटंन डि कॉक उन्हें स्टंप आउट करने से चूक गये. जब लग रहा था कि वह सातवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए विदेशी धरती पर शतक जड़ने वाले सातवें भारतीय बल्लेबाज बन जाएंगे तब कैगिसो रबाडा ((3/34) की अधिक उछाल लेती गेंद उनके बल्ले के ऊपरी किनारे से लगकर विकेटकीपर के दस्तानों में समा गयी.
इससे पहले सुबह भारत ने पहले सत्र की बेहद सतर्क शुरूआत की. चेतेश्वर पुजारा (92 गेंदों पर 26 रन) और रोहित शर्मा (59 गेंदों पर 11 रन) ने संयम की प्रतिमूर्ति बनकर विरोधी गेंदबाज़ों को काफी सताया. आलम यह था कि फिलेंडर ने अपने पहले पांच ओवरों में एक भी रन नहीं दिया. इस बीच उन्होंने रोहित को पूरी तरह से बांधे रखा.
महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब रबाडा गेंदबाज़ी के लिये आये. उन्होंने अपनी तेजी, उछाल और मूवमेंट से रोहित को परेशान किया. आखिर में 29वें ओवर में उन्होंने रोहित को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. रोहित ने डीआरएस का सहारा लिया लेकिन फैसला दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में ही रहा.
भारत की दूसरे सत्र की शुरूआत बेहद खराब रही. उसने दो घंटे से भी अधिक समय क्रीज पर बिताने वाले पुजारा का विकेट पहली गेंद पर गंवा दिया जिन्होंने वर्नोन फिलेंडर (3/33) की बाहर जाती गेंद को छेड़कर स्लिप में कैच दिया. फिलेंडर ने इसके बाद रविचंद्रन अश्विन (12) को विकेट के पीछे कैच कराया जो उनका अपनी घरेलू सरजमीं पर 100वां टेस्ट विकेट था. स्टेन (2-51) ने ऋद्धिमान साहा (शून्य) को एलबीडब्ल्यू करके स्कोर सात विकेट पर 92 रन कर दिया.
मोर्ने मोर्कल ((2/57) ने पंड्या और भुवनेश्वर के बीच की साझेदारी तोड़ी. उनकी फुललेंथ गेंद भुवनेश्वर के बल्ले को चूमकर डि कॉक के पास पहुंची. इसके बाद पंड्या पवेलियन लौटे जबकि रबाडा ने अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे जसप्रीत बुमराह (दो) को आउट करके भारतीय पारी का अंत किया. जबकि मोहम्मद शमी चार रन बनाकर नाबाद रहे.