भारत के एतराज़ का असर
आतंकी हाफिज सईद की रैली में दिखने वाले राजदूत को फिलिस्तीन ने बुलाया वापस
नई दिल्ली: पाकिस्तान में जमात उद दावा प्रमुख और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की रैली में फलस्तीनी राजदूत वालिद अबु अली की मौजूदगी पर भारत द्वारा सख्त ऐतराज जताए जाने के बाद फिलिस्तीन ने अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है।
फिलिस्तीन ने इस घटना पर खेद जताया है। फिलीस्तीन ने भारत सरकार को आश्वासन दिया गया है कि वे इस घटना का संज्ञान लेगा।
गौतलब है कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के साथ फिलिस्तीन के राजदूत वलीद अबु अली ने मंच साझा किया था। भारत ने शुक्रवार को फलस्तीन सरकार के साथ इस पर कड़ी आपत्ति जतायी थी। भारत ने फलस्तीन सरकार से साफ-साफ कहा था कि यह अस्वीकार्य है।
शनिवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'फिलीस्तीन ने घटना पर गहरा खेद व्यक्त किया है, और भारत सरकार को आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को गंभीरता के साथ देखेगा।'
खबरों के मुताबिक, इस्लामाबाद में फलस्तीनी राजदूत वालिद अबु अली ने सुबह पाकिस्तान के रावलपिंडी में दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल की ओर से आयोजित एक विशाल रैली में हिस्सा लिया था। दिफा-ए-पाकिस्तान (पाकिस्तान की रक्षा) काउंसिल पाकिस्तान में इस्लामी समूहों का एक गठबंधन है, जिसमें हाफिज का संगठन भी शामिल है।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत ने येरूशलम मसले पर इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन का समर्थन किया था। येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोट करने पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को घेरा था।