आतंकी सईद की याचिका खारिज करवायेंगे दीपक
लखनऊ: समाजवादी चिन्तन व बौद्धिक सभा के अध्यक्ष एवं इण्टरनेशनल सोशलिस्ट काउन्सिल के सचिव दीपक मिश्र ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एण्टानिओ मैनुअल डी ओलेविरा गुतरस को पत्र लिख कर आतंकी सरगना हाफिज सईद और जमात-उद-दावा के परिवाद (पिटीशन) को खारिज करने की मांग की है। पत्र के साथ-साथ श्री मिश्र ने जस्टिस फर्स्ट के संयोजक व मुंबई के प्रख्यात् अधिवक्ता देवेश त्रिपाठी के माध्यम से सईद के विरुद्ध यूएनओ के समक्ष याचिका भी दायर की है।
श्री मिश्र ने बताया कि झूठ व अनावश्यक तथ्यों के आधार पर दिग्भ्रमित कर सईद संयुक्त राष्ट्र संघ से राहत चाहता है। वह पाकिस्तान एवं पाकिस्तानी अदालत का नहीं, भारत व मानवता का अपराधी है। मुंबई हमला-2008 के पश्चात् उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत उसे व उसके संगठन को संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रतिबंधित काली सूची में डाला था।
आईएससी के सचिव दीपक के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव श्री गुतरस एक प्रतिबद्ध समाजवादी और लम्बे समय तक सोशलिस्ट इण्टरनेशनल के अध्यक्ष रहे हैं। उनका पूरा विश्वास है कि गुतरस के नेतृत्व वाली यूएनओ आतंकी सरगना को किसी प्रकार की रियायत नहीं देंगे।
श्री मिश्र ने बताया कि उपनिवेशवादी व आतंकवादी सोच तथा शक्तियों के विरुद्ध व्यापक वैश्विक व वैचारिक अभियान शुरू हो चुका है, शीघ्र ही इसकी सफलता सतह पर दिखेगी। इसमें लंका के समाजवादी नेता व केन्द्रीय मंत्री रहे प्रो० तिस्सा वितर्णा, अमरीका की गणतांत्रिक सांसद तुलसी गेबार्ड, विचारक रिचर्ड हास व हमारे जैसे वैश्विक नागरिक महती भूमिका निभा रहे हैं। यह लड़ाई दीपक बनाम हाफिज नहीं है। इसमें निजी लाभ-हानि का सवाल नहीं है। यह सतत संघर्ष मानवता बनाम दानवत्व, कलम बनाम बम, गणतंत्र बनाम गनतंत्र एवं समाजवाद बनाम आतंकवाद है।
आतंकवाद व बम संस्कृति के विरुद्ध वैचारिक वातावरण समय की आवश्यकता है। जब आतंकियों को खाद-पानी व जनसमर्थन मिलना बंद हो जाएगा तब यह विष-वृक्ष स्वतः सूख जाएगा। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ना एवं बहस चलाना हमारा नागरिक कर्तव्य है।
श्री मिश्र ने कहा कि जब जर्मनी व यूरोप में समाजवाद कमजोर हुआ तभी हिटलर का अभ्युदय हुआ। उन्होंने बताया कि अधिवक्ता देवेश त्रिपाठी ने हाफिज सईद के खिलाफ याचिका दायर कर दी है और आवश्यकता पड़ने पर मुम्बई उच्च न्यायालय में भी परिवाद दायर किया जाएगा ताकि आतंकी घटना में पीड़ित पक्ष को न्याय और हाफिज को सजा मिले।