लखीमपुर खीरी। भीम आर्मी के राष्ट्रीय संयोजक चन्द्रशेखर आजाद रावण की जमानत मिलने के बाद योगी सरकार द्वारा रासुका लगाये जाने एवं जेल में रखे जाने के खिलाफ भगत सिंह-अम्बेडकर विचार मंच ने आज से जन हस्ताक्षर अभियान प्रारम्भ किया। जिसमें डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर इण्टर कालेज, कमलापुर में बैनर लगाकर व राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन पर हस्ताक्षर कराये। हस्ताक्षर अभियान का उद्घाटन कालेज के प्राचार्य परिक्रमा प्रसाद ने किया।

भगत सिंह-अम्बेडकर विचार मंच के संयोजक मुश्ताक अली अंसारी ने कहा कि सहारनपुर के कथित जातीय हिंसा भड़काने के कुल चार मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने चन्द्रशेखर पर रासुका का मुकदमा लाद दिया है। जिस तरह उन पर रासुका लगाया गया है उससे साफ पता चलता है कि उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस और कानून के बल पर चंद्रशेखर को जेल में ही रहने पर मजबूर कर रही है और यह भी साफ है कि चंद्रशेखर का उत्पीड़न उत्तर प्रदेश में दलितों का मनोबल तोड़ने के लिए किया जा रहा है। भीम आर्मी और चंद्रशेखर नए दौर में क्रांतिकारी तेवर वाले दलित आन्दोलन का प्रतीक हैं। चंद्रशेखर का व्यक्तित्व और विचारधारा दलितों के स्वाभिमान और हक की दावेदारी को जीवंत करता है। भीम आर्मी दलितों के जोड़-तोड़ और वोट बैंक की राजनीति की जगह जनांदोलन के जरिये बदलाव की बात करती है। यही कारण है कि भीम आर्मी और चंद्रशेखर योगी-मोदी की हिन्दुत्ववादी फासिस्ट सरकार की आँख की किरकिरी बने हुए हैं। योगी सरकार भीम आर्मी को कुचल देने का मन बना चुकी है। चन्द्रशेखर की रिहाई तक लगातार हस्ताक्षर अभियान, गोष्ठी, सेमिनार आदि कार्यक्रम संचालित किये जायंेगे।

समाजवादी मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि चंद्रशेखर का उत्पीड़न विरोध की आवाज को चुप कराने की बीजेपी की फासिस्ट हुकूमत द्वारा चलाये जा रहे दलितों-अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है। राम राज्य की बात करने वाली भाजपा सरकार में दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। हस्ताक्षर अभियान में मांग की गयी कि भीम आर्मी के संयोजक चंद्रशेखर को तत्काल रिहा किया जाये और चंद्रशेखर समेत भीम आर्मी के सभी कार्यकर्ताओं पर से रासुका सहित सभी फर्जी मुकदमे वापस लिये जाएँ। शब्बीरपुर के दलितों पर हमले और आगजनी के लिए जिम्मेदार सभी सत्ता संरक्षित सामन्ती ताकतों पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाये।