वरुण गांधी ने उठाया ‘राइट टू रिकॉल’ का मुद्दा
नई दिल्ली: भाजपा के लोकसभा सांसद वरुण गांधी ने शुक्रवार को कहा कि अगर निर्वाचित प्रतिनिधि अच्छा काम नहीं करते हैं तो उन्हें चुनने वाले लोगों लोगों को उन्हें बुलाने का अधिकार भी मिलना चाहिए। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद ने कहा कि गैर राजनीतिक परिवारों के लोगों को प्रतिभा के आधार पर राजनीति में आना चाहिए न कि जाति और धर्म के मुद्दों पर। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव जीतना कठिन नहीं है। लोगों को राइट टू रिकॉल मिलना चाहिए और मैं इस विधेयक को (निजी विधेयक के तौर पर) संसद में पेश करूंगा ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि लोग अपने प्रतिनिधियों से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में उन्हें हटा सकें।’’
भाजपा नेता ने कहा कि याचिका व्यवस्था के मार्फत इसे किया जा सकता है। ब्रिटेन में मतदाता सरकार को सामूहिक याचिका सौंपकर और अगर एक लाख से ज्यादा हस्ताक्षर मिलते हैं तो संसद में निर्वाचित प्रतिनिधि की जवाबदेही पर चर्चा की शुरुआत की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हाल में उनके संसदीय क्षेत्र में जिला परिषद के चुनाव हुए और उन्होंने सुनिश्चित किया कि प्रतिभावान लोगों को चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए और उनमें से अधिकतर ने जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि अगर वह ‘गांधी’ नहीं होते तो 29 वर्ष की उम्र में उन्हें लोकसभा सांसद बनने का मौका नहीं मिलता।