लखनऊ: दरगाह हज़रत मख़दूम शाहमीना रहमतुल्लाह अलैह में मीनाई एजुकेशनल वेलफ़ेयर सोसायटी के तत्वाधान औलिया अल्लाह के शीर्षक से सज्जादा नशीन शैख़ राशिद अली मीनाई की सदारत में जलसा आयोजित  हुआ। जलसे का आग़ाज़ क़ारी मोहम्मद इस्लाम क़ादिरी ने तिलावते कलाम पाक से किया। जलसे को सम्बोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद नईम क़ादिरी ने कहा कि औलियाए किराम अल्लाह के मज़हर होते हैं उनका फ़ेअ़ल दर हक़ीक़त अल्लाह का ही है। औलियाए किराम ने अपनी जि़ंदगी के लम्हात अल्लाह की याद में गुज़ार दिये और औलियाए किराम ने जि़क्रे इलाही को सरमायए हयात बना लिया। उनके लिए दुनिया में भी इत्मिनान है और आखि़रत में भी। दुनिया में जि़क्रे इलाही के बग़ैर दिल कभी मुत्मइन नहीं हो सकता। मौलाना ने कहा कि अल्लाह के वली हश्र के दिन बेखौ़फ़ व ख़तर होंगे। उन्हें किसी कि़स्म का कोई ख़ौफ़ न होगा। 

क़ारी जहांगीर, क़ारी शरफ़ुद्दीन, आलमगीर, दारुलउलूम शाहमीना के तलबा ने नअ़तो मनक़बत के अशअ़ार पेश किये। निज़ामत के फ़रायज़ क़ारी मोहम्मद अजमल ने अन्जाम दिए। 

इस मौक़े पर ज़ाहिद अली मीनाई, इन्तिज़ार अली मीनाई, शमशेर अली, गटटू भाई, जमील राईनी वग़ैरह ख़ास तौर से मौजूद थे।