आत्ममुग्ध न हो भारत, अर्थव्यवस्था में सुधार अभी अधूरा: आईएमएफ
वाशिंगटन: वैश्चिक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में तेजी के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की संचालन समिति ने इसके प्रति आगाह किया है। आईएमएफ ने नीति निर्माताओं को चेताया है कि मध्यम अवधि के आर्थिक जोखिमों तथा बढ़ते भू राजनीतिक तनाव की वजह से वे आत्ममुग्ध न हों और सतर्कता बरतें।
अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष और वित्त समिति (आईएमएफसी) ने आज जारी वक्तव्य में कहा कि निवेश, व्यापार और औद्योगिक उत्पादन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। हालांकि वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात में सुधार अभी पूरा नहीं हुआ है। ज्यादातर विकसित देशों में मुद्रास्फीति लक्ष्य से नीचे है। कई देशों में वृद्धि की संभावनाएं कमजोर हैं।
वक्तव्य में कहा गया है कि निकट भविष्य के जोखिम व्यापक रूप से संतुलित हैं, लेकिन मध्यम अवधि के जोखिमों को देखते हुए किसी तरह आत्मसंतुष्ट होने की गुंजाइश नहीं है। इसके अलावा भू राजनीतिक तनाव भी एक जोखिम है। समिति ने नीति निमार्ताओं से कहा है कि वे अनुकूल मौद्रिक नीतियां अपनाएं। मौद्रिक और राजकोषीय नीतियां लचीली और वद्धि अनुकूल होने चाहिए।
इसके अलावा समिति ने विनिमय दरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के प्रति भी आगाह किया है। समिति का कहना है कि इससे आर्थिक स्थिरता बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।