‘सीमांचल के गांधी’ तस्लीमुद्दीन की नमाज़े जनाज़े में उमड़ा जन सैलाब
अररिया: सीमांचल के गांधी के नाम से मशहूर प्रख्यात राजनीतिज्ञ और अररिया से राजद के सांसद हाजी तस्लीमुद्दीन के जनाज़े पर जन सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों लोगों ने उनकी जनाज़े की नमाज़ पढ़ी। उनको उनके पैतृक गाँव सिसोना में सुपुर्दे ख़ाक किया गया।
उनकी एक झलक पाने के लिए लोग बेचैन नज़र आए, उनके जनाज़े की नमाज़ आज मंगलवार ज़ोहर की नमाज़ के बाद खुले मैदान में हुई। देश भर से हजारों लोगों ने उसके जनाज़े में हिस्सा लिया। वह एक लोक प्रिय नेता थे, वह एक एसी शख्सीयत थे जिसने मजलूमों को ज़ुल्म के खिलाफ़ लड़ने की हिम्मत दी। अररिया के स्थानीय चंदन भी मानते हैं कि तस्लीमुद्दीन को सीमांचल का गांधी सिर्फ कद्दावर नेता के रूप की वजह से नहीं कहा गया. उन्होंने मजलूमों के मुंह में आवाज दी।
अररिया के सिसौना गांव में मोहम्मद तस्लीमुद्दीन एक साधारण किसान परिवार में पैदा हुए। वह एक किसान के पुत्र थे उन्होंने अपने राजनितिक केरियर की शुरुआत एक सरपंच के रूप में किया था। सरपंच से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के सफर तक वह आठ बार विधायक और पांच बार सांसद बने। आख़िरकार वह 74 साल की उम्र में अल्लाह को प्यारे हो गये।