मदरसा प्रणाली के उन्नयन की दिशा में मदरसा पोर्टल एक प्रभावी कदम
लखनऊ: अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस0 गर्ग ने अवगत कराया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तथा मदरसा प्रणाली के उन्नयन की दिशा में मदरसा पोर्टल एक प्रभावी कदम है। इस पोर्टल का शुभारम्भ 18 अगस्त, 2017 को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी द्वारा किया गया। यह पोर्टल रिकाॅर्ड टाइम में और बहुत कम खर्च में विकसित किया गया है।
पोर्टल का मुख्य उद्देश्य प्रक्रियाओं के सरलीकरण के साथ-साथ मदरसा शिक्षा प्रणाली में उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता लाना है। यह आॅन-लाइन पोर्टल प्रदेश के समस्त मदरसों को एक unified eco-system से जोड़ने का प्रयास है। प्रक्रियाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से मदरसे के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को अनुदान, वेतन, मानदेय आदि का भुगतान PFMS के माध्यम से किया जायेगा ताकि शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के हितों की रक्षा हो तथा उनका शोषण न हो।
प्रमुख सचिव ने बताया कि मदरसे नवीन मान्यता, अनुदान, आधुनिकीकरण योजना आदि से सम्बन्धित आवेदन इसी पोर्टल के माध्यम से करेंगे ताकि पारदर्शिता बनी रहे। वर्ष 2018 की मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षा भी इसी पोर्टल द्वारा सम्पन्न करायी जाएगी जिससे समय की बचत होगी। इससे अभ्यर्थियों के आवदेन की प्रक्रिया सरल हो जायेगी तथा परीक्षाफल भी समय से घोषित किये जा सकेंगे।
मान्यता एवं सहायता प्राप्त तहतानियां, फौक़ानियां, आलिया, उच्च आलिया स्तर के मदरसों से सम्बन्धित सूचनायें इसी नवीन पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगी। सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का विवरण आधार डिटेल के साथ प्रबन्धतंत्र द्वारा अपलोड किया जायेगा। इसके अतिरिक्त मदरसे में उपलब्ध सुविधाआंे का विवरण भी दिया जायेगा। साफ्टवेयर के माध्यम से टीचर्स/स्टाफ की डुप्लीकेसी चेक हो जायेगी कि अलग-अलग मदरसों में एक ही स्टाफ कार्यरत न हो। इसके फलस्वरूप निर्धारित मानकों के अनुसार मदरसों में टीचर्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी जिससे शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा। इसे छात्रवृत्ति पोर्टल से जोड़कर छात्रों की डुप्लीकेसी भी चेक की जाएगी। इससे फर्जी छात्र दिखाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा और सरकारी योजनाओं का लाभ अधिकाधिक लक्षित समूह को मिल पाएगा। किसी संस्था द्वारा फर्जी रूप से छात्र दिखाकर उन्हें डिग्री एवं जन्म तिथि प्रमाण-पत्र बांटने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगेगा।