बुक फेयर: कथा-उपन्यास, कविता-शायरी की पुस्तकें बनी पहली पसंद
लखनऊ। बाराबंकी के राहुल ने वेद की पुस्तकें खरीदीं तो खीरी के रमेश ओहरी ने अहमद फराज व निदा फाजली की शायरी की पुस्तकें। संडीला की शबाना ने शरद सिंह, नासिरा शर्मा व काशीनाथ सिंह के उपन्यास सहित कई किताबें खरीदीं। मोतीमहल लान राणप्रताप मार्ग में चल रहे पन्द्रहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले से वैदिक साहित्य से लेकर आधुनिक साहित्य का डंका बज रहा है।
निःशुल्क प्रवेश वाले इस पुस्तक मेले में जो भी आ रहा है साहित्य अथवा बच्चों के लिए उपयोगी किताबें या अन्य सामग्री जरूर ले रहा है। राजकमल प्रकाशन समूह के स्टाल में नई किताबों में मैत्रेय पुष्पा की फाइटर की डायरी, कृष्णा सोबती की गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिन्दुस्तान, शरद पवार की आत्मकथात्मक अपनी शर्तों पर लोग ले रहे हैं। अमृतलाल नागर की नगरी में उनकी पुत्रियों अचला नागर की छल व आरती पण्ड्य की खुली आंखों का सपना को भी लोग पसंद कर रहे हैं। स्टाल पर तस्लीमा नसरीन की लज्जा से अलग इलाचन्द्र जोशी की लज्जा किताब पुस्तक प्रेमियों को चकित कर रही है। प्रभात के स्टाल पर साहित्य की अनगिनत पुस्तकों के अलावा नरेन्द्र मोदी पर केन्द्रित परिवर्तन की ओर जैसी सामाजिक किताबें भी खूब बिक रही हैं। सुभाष पुस्तक भण्डार के स्टाल से गुलजार, अहमद फराज और मुनव्वर राना सरीखे शायरों की किताबें खूब निकली हैं। साहित्य अकादमी के स्टाल पर भारतीय भाषाओं के पुरस्कृत व चर्चित लेखकों का उत्कृष्ट साहित्य है। इसके अलावा साहित्य भण्डार, साधना, प्रतीक आदि स्टालों पर साहित्यिक पुस्तकें बहुत हैं। पापुलर अंग्रजी कथ साहित्य भी मेले में आसानी से सुलभ है।
गतिविधियों में आज बाल व युवा मंच पर ज्योति किरन के संयोजन में योग का प्रदर्शन अमिषा, अभिषिका, शिवानी, प्रिंस व आर्यन ने किया तो एलिस, संजना, निहारिका, आशीष, साक्षीद्व अभय, प्रविषा व शिवानी की सांझ परी आई है….व तेरी है जमीं…. जैसे समूह गीतों की प्रस्तुति आकर्षक रही। श्लोक वाचन में साकार, सागरिका, सत्यम, साक्षी, प्रविषा मौर्या व ज्ञानेन्द्र मिश्र ने भाग लिया। मुख्य मंच पर आज सुबह से दोपहर बाद तक भारतीय लेखिका परिषद की रचनाकारों के हवाले रहा। लोकार्पण समारोह में इशरत सुल्तान के गजल संग्रह ‘लफ्जों के चराग’ के लोकार्पण के बाद सुनीलकुमार बाजपेयी के काव्य संग्रह ‘अंतस की अनुभूति’ का विमोचन डा.विद्याविंदु सिंह, अशोक शर्मा अमृत व अन्य सुधी साहित्यकारों की मौजूदगी में हुआ। मेला में आज भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भारत दीक्षित व ब्रज बहादुर भी आए। ब्रज बहादुर ने मेला मंच से स्वामी विवेकानन्द को याद करते हुए सबके लिए सही इतिहास की जानकारी जरूरी बताई।
डाक्टर से मिलिए कार्यक्रम में यूरोलाॅजिस्ट डा.विनोद जैन ने खासकर पथरी व गुरदे के अन्य रोगों के उपचारों से बचाव के बारे में बताया। अंत में पद्मा गिडवानी और साथी साथियों ने गीतों की मधुर प्रस्तुति दी।