ज्ञान पाने के लिए किताबों को अपना दोस्त बनाइए: गैरुल हसन रिज़वी
लखनऊ। ‘ ज्ञान पाने का माध्यम किताबें अपने अपने आप में पूरा मजमून, पूरा फलसफा हुआ करती हंै। ज्ञान प्राप्त करने की कोई न कोई सीमा नहीं होती है और न कोई उम्र। लिहाजा किताबों को अपना दोस्त बनाइए।’
आज शाम मोतीमहल वाटिका लाॅन राणा प्रताप मार्ग में 17 सितम्बर तक चलने वाले 15वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए यह आह्वान मुख्यअतिथि के तौर पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गैरुल हसन रिज़वी ने पुस्तक मेला मंच से किया। मेले में अब कल से बाल व युवा प्रतियोगिताओं के साथ ही विविध सांस्कृतिक साहित्यिक आयोजन भी प्रारम्भ हो जाएंगे। निःशुल्क प्रवेश वाले इस मेले में पुस्तक प्रेमियों को सभी किताबें न्यूनतम 10 प्रतिशत छूट पर मिलेंगी।
मुख्यअतिथि ने मंच पर मौजूद चिन्मय मिशन के स्वामी कौशिक चैतन्य की बात दोहराते हुए कहा कि करते हुए कहा कि इल्म या ज्ञान हासिल करना सूचना और जानकारी पाने से बिल्कुल अलग चीज है और यह व्यक्ति अपने अंतिम समय तक किताबों से सहज ही पा सकता है। विश्व भर में चर्चित रामपुर की रजा लाइब्रेरी के दुर्लभ पुस्तक संकलन का जिक्र करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री के फूल और मालाओं की जगह पुस्तकें देने के आग्रह को भी दोहराया। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह आयोजन नवाबी शहर के पुस्तक प्रेमियों की कसौटी पर खरा उतरेगा।
दि फेडरेशन आॅफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली व फोर्स वन के सहयोग से हो रहे के.टी.फाउण्डेशन का बच्चो-बड़ों सभी को समर्पित ‘खूब पढ़ो-खूब बढ़ो’ थीम पर आधारित इस आयोजन के बारे में विशिष्ट अतिथि स्वामी मुक्तिनाथानन्द, शिक्षाविद् जगदीश गांधी, संरक्षक मुरलीधर आहूजा, एडवोकेट रामजीदास, उ.प्र.ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया व राकेश जैन ने भी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ विचार रखे। इस मौके पर अतिथियों व आयोजकों ने संयुक्त रूप से प्रख्यात साहित्यकार गोपाल चतुर्वेदी को अवध साहित्यश्री सम्मान से अलंकृत किया गया। स्वामी प्रभुदास ने अतिथियों को गीता भंेट करने के साथ ही मुनि गुप्तिसागर की पुस्तक ‘पर्यूषण: मन की आंखें खोल का विमोचन भी मंच पर हुआ।
हर वर्ष सितम्बर में होने वाले चुके इस राष्ट्रीय पुस्तक मेले के बिन्दु जैन के संचालन में चले उद्घाटन समारोह में आयोजक फाउण्डेशन के संयोजक मण्डल मनोज सिंह चंदेल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि सभी के सहयोग की बदौलत मेले में हर वर्ष बहुत कुछ नया जुड़ रहा है। इस वर्ष नये बुक स्टालों के साथ ही खेलों के प्रदर्शन को नये ढंग से मेले से जोड़ा जाएगा। अंत में आभार आस्था ढल-आकर्षण जैन दम्पति ने व्यक्त करते हुए बताया कि उनके पिता व मेला संस्थापक स्वर्गीय उमेश ढल की स्मृति में विशिष्ट कवि सम्मेलन व मुशायरा 10 सितम्बर की शाम होगा। अंत में बालिका स्वरा के लोकनृत्य के संग लोकांजलि संस्था की अंजलि खन्ना और साथी कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुतियां दीं।
देश के प्रमुख प्रतिष्ठित पुस्तक मेलों में शुमार 15 वर्षों से बराबर आयोजित इस पुस्तक मेले में प्रभात, राजकमल, सामयिक, लोकभारती, साहित्य भण्डार, साधना, पी.एम.पब्लिकेशन्स, प्रतीक बुक्स, आरुषि बुक्स, जय बुक्स, विधि बुक्स, आक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, वाइली इण्डिया, कोरस, स्काॅलर हब, गिडान्स, गोमती एजेन्सीज, पद्म बुक, बुक अफेयर्स आदि के स्टाल तो होंगे ही, साथ ही कई नये संस्थान शामिल हांेगे। गंगा जमुनी तहजीब के शहर में चलने वाले इस पुस्तक मेले में फिर इस बार ‘डाॅक्टर से मिलिए’ कार्यक्रम के तहत विशेषज्ञ चिकित्सक नेत्र रोग, किडनी, फेफड़ा व श्वसन रोग, मोटापे, ओरल हैल्थ, तनाव व आयुर्वेद जैसे विषयों पर हर शाम चार से पांच बजे तक जानकारी देने के साथ श्रोताओं के प्रश्नों का जवाब देंगे। कथक, गजल, संगीत व नाटक जैसे कार्यक्रम विशिष्ट होंगे। साथ ही प्रदेश भर में पुस्तक मेले के हमेशा की तरह इस वर्ष भी मेले में स्थानीय लेखकों के लिए अलग से पुस्तकें प्रदर्शन व बिक्री के लिए निःशुल्क स्टाल की व्यवस्था है। प्रतियोगिता संयोजक ज्योति किरन ने बताया कि ड्राइंग, फैंसी ड्रेस, नृत्य-गायन, श्लोक वाचन, शंख वादन, लेखन, क्विज, परिधान आदि की बाल व नवयुवा प्रतियोगिताओं का अलग रंग युवा मंच पर दिखाई देगा। मुख्य सांस्कृतिक मंच पर अनेक रचनाकारों की पुस्तकों के विमोचन, लेखक से मिलिए, साहित्यिक परिचर्चा कार्यक्रम और कवि सम्मेलन-मुशायरा आदि विविध मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम हर दिन का आकर्षण होंगे। मेले के समापन अवसर पर चुनिंदा स्टाल धारकों व प्रमुख सहयोगियों को सम्मानित किया जाएगा।