आंग सान सू से शान्ति का नोबेल पुरस्कार फौरन वापस हो
रोहिंग्या मुसलमानों के मसले पर UNO गूंगा-बहरा बना: जुनैद अशरफ किछौछवी
लखनऊ: आॅल इण्डिया हुसैनी सुन्नी बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि म्यामांर में उसकी सेना द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों पर जुल्म लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसमें अब तक लाखों मुसलमान ज़द में आ चुके हैं और यह अलग-अलग मुल्कों में पनाह लेकर किसी तरह अपनी जान बचाए हुए हैं। अगर बात करें मानवाधिकार की तो वहा पर इसकी पामाली बहुत आम बात है। मानवाधिकार नाम की कोई शय वहां बची ही नहीं है। इस पर सिर्फ तुर्की और ईरानी सरकार ने ही अपनी आवाज़ को बुलंद किया। बाकी सारे मुस्लिम मुल्क के कान में जू तक नहीं रेंगी। मुसलमानों का खैरख्वाह बनने वाला सऊदी अरब भी ऐसा खामोश बैठा है जैसे म्यामांर में मुसलमान बहुत खुशहाली की ज़िन्दगी गुज़ार रहा हैं। यूनाईटेड नेशन तो इस वक्त गूंगा और बहरा बना हुआ है कमज़ोर और बेसहारा लोगों का कोई नाम लेवा नहीं है। आज रोहिंग्या मुसलमानों के पास दो वक्त की रोटी नहीं है तन ढ़कने के लिए कपड़ा नहीं है। ज़ालिम हुकूमत ज़िन्दगी कब छीन ले कह नहीं सकते है।
सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि आंग सान सू से फौरन शान्ति का नोबेल पुरस्कार वापस ले लेना चाहिए। ताकि दुनिया यह समझ ले कि शान्ति का नोबेल पुरस्कार लेना वाला खुद कितना ज़ालिम है। यूनाईटेड नेशन को बगैर समय गवाएं वहां पर शान्ति सेना भेेजकर रोहिग्या मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। वहीं भारत सरकार को वहां पर हो रहे जुल्मों सितम पर म्यामांर सरकार से सख्त लहजे में बात करनी चाहिए और एक ज़िम्मेदार पड़ोसी होने का फर्ज़ अदा करना चाहिए।