लखनऊ: कुर्बानी के असल मकसद त्याग की भावना को आत्मसात करे मुसलमान यह बात आल इन्डिया उलमा मशायक बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कही उन्होंने सभी को ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस खुशी में हमे नहीं भूलना है कि हमारे तमाम लोग सैलाब में फंसे हुए हैं ,उनके लिये दुआ भी करनी है और अपनी हैसियत के हिसाब से मदद भी करनी है ,दरअसल कुर्बानी अपने रब की नजदीकी के लिये की जाती है जबकि खुदा खुद इरशाद फरमाता है" कि तुम जो जानवर जिबह करते हो न तो उसका खून और न ही उसका गोश्त मुझ तक पहुंचता है मुझ तक सिर्फ तुम्हारी वह नियत पहुंचती है जो तुमने करके कुर्बानी की "।

हज़रत ने कहा कुर्बानी हमे त्याग सिखाती है ,अपने माल से गरीबों तक बेहतर खाना पहुंचाने का एक बेहतरीन जरिया है ,भूखमरी के खिलाफ एलाने जंग है, और लोगों की मदद का जज्बा पैदा करने का एक सबक ,ऐसे दौर में जब लोग महज एक रोटी के टुकड़े के लिए जान लेने और देने पर आमादा है ऐसे में भी कुर्बानी का गोश्त खुशी खुशी गरीबों तक पहुंचता है यह है इस अमल की खूबसूरती, इसे इस दौर में समझना बहुत ज़रूरी है।

हज़रत ने लोगों से क़ानून का सम्मान करते हुए कुर्बानी करने और साफ सफाई का पूरा ख्याल रखने की पुरजोर अपील की उन्होंने कहा कि हमारे किसी भी कार्य से किसी को तकलीफ नहीं पहुंचनी चाहिए ,इसका खास ख्याल रखा जाए।

हज़रत ने लोगों से बर्मा समेत जहां भी इंसानियत पर ज़ुल्म किया जा रहा है उन सभी जगहों पर अमन के लिए और मजलूमों की हिफाजत के लिए दुआ की अपील की। उन्होंने कहा सभी को खुशियों में शामिल कीजिए यह मौका है लोगों को पैग़ाम देने का कि "मोहब्बत सबके लिए नफरत किसी से नहीं " सबको ईदुल अज़हा की मुबारकबाद।