लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विभिन्न राजमार्गों तथा अन्य रास्तों पर छुट्टा गोवंशीय पशुओं के विचरण और उनके कारण होने वाले हादसों की समस्या के समाधान के लिये हर जिले में गोशालाएं खोलने के निर्देश दिये हैं। योगी ने कल देर रात प्रदेश के नगर निगम वाले जिलों तथा बुन्देलखण्ड के जनपदों में गोवंशीय पशुओं के रख-रखाव के लिये कार्ययोजना बनाए जाने के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि प्रथम चरण में बुन्देलखण्ड के सात जिलों तथा 16 नगर निगम क्षेत्रों में एक हजार पशुओं के रखरखाव की क्षमता वाली गोशालाओं की स्थापना कर उनमें गोवंशीय तथा छुट्टा पशुओं को रखा जाएगा। उसके बाद अन्य जिलों में भी ऐसी गोशालाएं स्थापित की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि गोवंश मानव जाति के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जब दूध के लिए हम गोवंश पर आश्रित हैं तो हमें उनकी रक्षा भी करनी होगी। योगी ने कहा कि गोवंशीय पशुओं के रख-रखाव के लिए गो संरक्षण समितियां बनायी जाएं, जिनमें जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित हो। गोशालाओं के सुचारु संचालन के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में समिति गठित की जाए। यह काम उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के संरक्षण में सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह शहरी क्षेत्रों में भी गोवंश की सुरक्षा के लिए ऐसे केन्द्रों/गोशालाओं की स्थापना करनी होगी, जहां पर छुट्टा पशुओं को सुरक्षित रखा जा सके और उनके चारे-पानी इत्यादि की व्यवस्था हो सके। गोशालाओं के सुचारु संचालन की जिम्मेदारी गो समितियों की होगी। उन्हें अपने संसाधनों से इनका संचालन सुनिश्चित करना होगा। योगी ने कहा कि इस कार्य में जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग सुनिश्चित किया जाए और केन्द्र सरकार की विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों के तहत मिलने वाले सहयोग को हासिल करना भी सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि दवाएं बनाने के लिये गोमूत्र की काफी मांग होती है। राज्य में गोनाइल (फर्श साफ करने वाला पदार्थ) के निर्माण के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की सम्भावनाओं को तलाशा जाए। मालूम हो कि प्रदेश के विभिन्न राजमार्गों तथा अन्य सड़कों पर इन दिनों छुट्टा गोवंशीय पशुओं की समस्या दिन-ब-दिन बड़ी होती जा रही है। सड़क पर इन जानवरों के जहां-तहां बैठने के कारण हादसे भी हो रहे हैं।