इंतज़ार ख़त्म, 5 सितंबर से दौड़ेगी लखनऊ मेट्रो
लखनऊ में अगले हफ्ते से शुरू होने जा रही मेट्रो में सबसे पहले प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह सफर करेंगे। इसके लिए तैयारियां जोरों से शुरू हो गई हैं।
मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कॉमर्शियल, रन के साथ मेट्रो यात्रियों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखेगी। मेट्रो को हरी झंडी सीएम योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री राजनाथ सिंह दिखाएंगे इसके मद्देनजर डीजीपी सुलखान सिंह, एसएसपी दीपक कुमार और डीएम कौशल राज शर्मा ने एलआरएमसी डायरेक्टर केशव कुमार की मौजूदगी में गुरुवार को सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। ट्रांसपोर्टनगर स्थित मेट्रो डिपो, ट्रांसपोर्टनगर मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट पर भी अधिकारी निरीक्षण करने गए।
एयरपोर्ट पर एलएमआरसी के यार्ड के पास जमीन चिन्हित की गई है। यहीं पर सीएम योगी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह जनता को सम्बोधित करेंगे। उसके बाद वे ट्रांसपोर्ट नगर पर जाकर मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। तय शेड्यूल के मुताबिक दोनों चारबाग तक का सफर भी तय करेंगे। इसी क्रम में डीजीपी सुलखान सिंह ने गुरुवार को मेट्रो में चढ़कर सुरक्षा दृष्टि से जायजा लिया। ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो स्टेशन को भी बारीकी से देखा गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस और निजी सुरक्षा एजेंसी मिलकर यात्रियों, मेट्रो स्टेशन और डिपो की सुरक्षा संभालेंगे। यूपी पुलिस द्वारा तैनात सिपाहियों की जिम्मेदारी पुलिस विभाग के पास रहेगी। सूत्रों का कहना है कि आठ स्टेशनों पर 302 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इनमें 170 पीएसी जवान और 132 निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मी रहेंगे।
निजी सुरक्षा एजेंसी के लिए एलएमआरसी ने जीफोरएस (ग्रुप फोर) के साथ एग्रीमेंट किया है। बताया जा रहा है कि आम तौर पर एक स्टेशन पर 20 से 25 सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएंगे। आधिकारिक रूप से किस स्टेशन पर कितनी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात होंगे इसकी घोषणा नहीं की गयी है।
मेट्रो स्टेशन और मेट्रो ट्रेन की कैमरे से निगरानी होगी। इसके लिए डिपो में पुलिस कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां से प्रायोरिटी फेज के आठों स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग की जाएगी।
पीएसी में महिला सिपाही न होने के कारण निजी सुरक्षा एजेंसी ही महिला सुरक्षाकर्मी तैनात करेंगी। ग्रुप फोर निजी सुरक्षा एजेंसी से तीन साल के लिए करार हुआ है। बताया जा रहा है कि हर स्टेशन पर दो महिला सुरक्षाकर्मी लगाई जाएंगी। मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था का मॉडल हाइब्रिड मॉडल के आधार पर होगा। ये मॉडल अभी चेन्नई में इस्तेमाल किया जाता है।