रोहतक: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने सोमवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को अपनी दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म करने और आपराधिक धमकी देने के अपराध में 20 साल कैद की सजा सुनाई है। राम रहीम को दो साध्वियों के साथ रेप के आरोप में 10-10 साल की अलग-अलग सजा भुगतनी होगी। साथ ही कोर्ट ने रामरहीम पर 30 लाख का जुर्माना भी लगाया है। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने रोहतक के पास सुनारिया की जिला जेल के पुस्तकालय में बनाई गई अदालत में यह फैसला सुनाया। सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बीते शुक्रवार को गुरमीत राम रहीम 1999 में अपनी दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म करने और आपराधिक धमकी देने के दोषी करार दिए गए थे। मामले में शिकायत 2002 में दर्ज हुई थी। बचाव पक्ष के वकील ने जहां दुष्कर्म के दोषी डेरा प्रमुख के सामाजिक कार्यो और खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए न्यूनतम सजा की मांग की, वहीं अभियोजन पक्ष के वकील ने दोषी के कृत्य का हवाला देते हुए अधिकतम सजा सुनाने की मांग की। सुनारिया जिला जेल में लगी इस अदालत में नाटकीयता भी देखने को मिली, जब गुरमीत राम रहीम हाथ जोड़कर रुआंसे अंदाज में न्यायाधीश से माफ करने का अनुनय करने लगे।

जैसे ही सजा सुनाई गई राम रहीम वहीं फर्श पर बैठ गए और रोने लगे। जेल के वार्डन ने राम रहीम को वहां से हटाया। सजा सुनाए जाने के ठीक बाद चिकित्सकों ने राम रहीम का परीक्षण किया, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ पाए गए। पंचकूला में सीबीआई की अदालत द्वारा शुक्रवार को दोषी करार दिए जाने के बाद से राम रहीम को इसी जेल में रखा गया है, जहां वह कैदी नंबर-1997 हैं। इस बीच सिरसा में ताजा हिंसा भड़कने की घटनाएं हुई हैं। सूत्रों ने बताया है कि डेरा समर्थकों ने दो वाहन फूंक डाले हैं।