नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ सीबीआई कोर्ट में आए फैसले के बाद पंचकूला समेत हरियाणा के अधिकांश हिस्सों में हिंसा भड़की हुई है. खास बात यह है कि डेरा समर्थक पिछले तीन दिनों से सिरसा, चंडीगढ़, पंचकूला समेत अन्य जगहों पर जमा हो रहे थे. फैसले के बाद समर्थक उग्र हो सकते हैं, इस बात की आशंका कोर्ट से लेकर शासन, प्रशासन और यहां तक आम आदमी तक को थी, फिर भी हरियाणा सरकार ने इस आपात स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए. सभी लोग इसे हरियाणा सरकार की नाकामी मान कर चल रहे हैं. जाट आंदोलन के बाद हरियाणा सरकार की लगातार यह दूसरी नाकामी है.

पहले जाट आंदोलन और फिर डेरा सच्चा सौदा मामले में हरियाणा में मचे उपद्रव के बाद क्या जानकार लोग मान कर चल रहे हैं कि हरियाणा सरकार किसी बड़ी घटना का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है.

बात अगर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ सीबीआई कोर्ट में आए फैसले की करें तो इस मुद्दे पर हाईकोर्ट हरियाणा सरकार को दो दिन पहले ही कड़ी फटकार लगा चुकी है कि जब धारा 144 लगी हुई है तो डेरा समर्थक किस तरह जगह-जगह इकट्ठा हुए. इन्हें हटाने के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए. आज उसी की नतीजा है कि दोपहर 2.30 बजे गुरमीत राम रहीम को दोषी करार देते हुए उनके समर्थक बेकाबू हो गए और देखते ही देखते पंचकूला, चंडीगढ़, सिरसा समेत कई जगहों पर तोड़फोड़, आगजनी और उपद्रव होना लगा. शाम 5 बजे तक अगल-अगल जगहों हुई घटनाओं में 5 लोग मारे जा चुके थे, सैक़ड़ों घायल हो गए.