लखनऊ: यहाँ लखनऊ विश्विद्यालय के छात्रों ने आज़ादी के सत्तर वर्ष होने के उपलक्ष्य में “जय हिन्द-हस्ताक्षर अभियान” चलाया| हज़रतगंज चौराहे पर हुए इस कार्यक्रम में आम लोगों ने बढ़ चढ़ कर भागीदारी की| इस मौक़े पर लोगों ने आज़ादी के बारे में अपने विचार भी लिखे|

इस अभियान में हिस्सा लेने वाले छात्र, महिलायें, समाज सेवी, पुलिसवाले, अध्यापक, राजनीति से जुड़े लोग, बच्चे, सरकारी कर्मचारी,और अन्य लोग रहे| कुछ लोगों ने बैनर पर देशभक्ति से जुड़े नारे लिखे तो कुछ ने देश में व्याप्त दिक्क़तों को दूर करने की कोशिश किये जाने की बात की|

सीपीआईएम् के नेता अतुल कुमार अनजान ने भी छात्रों का हौसला बढ़ाया| उन्होंने देश में व्याप्त भ्रष्टाचार और पूंजीवाद पर भी अपने विचार रखे| उन्होंने कहा,”सबकुछ है मेरे देश में रोटी नहीं तो क्या.. वादा लपेट लो, लंगोटी नहीं तो क्या..”|

अंकुर यादव ने कहा,”हमारी आज़ादी ही देश की आज़ादी है.. क्यूंकि हमसे ही देश है”| लखनऊ विश्विद्यालय के छात्र सौरभ सिंह ने इस कैम्पेन में बढ चढकर हिस्सा लिया| उन्होंने कार्यक्रम के बाद कहा कि ये एक सुखद एहसास दिलाने वाला कार्यक्रम है और देश के युवाओं को देश के सुधार के लिए काम करना ही होगा|

लखनऊ विश्विद्यालय के छात्र ज्योति राय ने कहा कि हम इस कैंपेन के ज़रिये आम लोगों को जागरूक करना चाहते हैं और साथ ही साथ उनके अनुभव के ज़रिये सीखना चाहते हैं इसीलिए हम उनसे आज़ादी के बारे में राय भी मांग रहे हैं| दिनेश तिवारी ने कहा कि आज़ादी एक सुखद एहसास है, हम इस एहसास को बांटना चाहते हैं|

कुछ युवाओं ने देश में और सुधार की ज़रुरत बतायी| इस बारे में सुधांशु बाजपाई ने कहा,”आज़ादी, जहां ना कोई बंदिशें हों, ना कोई रोकटोक हो तो बस जी भरकर सभी देशवासियों को जीने का अधिकार”| विनोद पंजाबी ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत की तलाश है उन्हें| लखनऊ विश्विद्यालय की छात्रा पूजा शुक्ला ने कहा कि अभी आज़ादी गोर अंग्रेज़ों से मिली है, काले अंग्रेज़ों से आज़ादी बाक़ी है| कुसुम रावत ने कहा,”असली आज़ादी कब मिलेगी, हर लड़की को इन्तिज़ार रहेगा?”

इस कैंपेन को दुर्गेश कुमार चौधरी, ज्योति राय, सौरभ सिंह, दिनेश तिवारी, शैलेश शुक्ला, वैभव मिश्रा, वैभव देव सिंह, और अरग़वान रब्बही ने चलाया|