भयावह बाढ़ के चलते पूर्वोतर जाने वाली सभी ट्रेनें बुद्ध तक निरस्त
नई दिल्ली: असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए देश के अन्य हिस्सों से पूर्वोत्तर जाने वाली रेल सेवाओं को बुधवार तक के लिए रोक दिया गया है. पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) प्रणव ज्योति शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा, 'रेलवे बोर्ड ने देश के विभिन्न हिस्सों से पूर्वोत्तर क्षेत्र में आने वाली सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जिन्हें 16 अगस्त, 2017 के सुबह दस बजे तक कटिहार या मालदा शहर पहुंचना था.' बता दें कि बिहार में बाढ से 41 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे 12 जिलों की 65.37 लाख आबादी प्रभावित हुई है.
शर्मा ने बताया, 'पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में पिछले 72 घंटों में भारी बारिश के कारण रेल परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि उत्तर फ्रंटियर रेलवे के कटिहार और अलीपुरद्वार खण्ड के कई स्थानों में बारिश से रेल पटरियां प्रभावित हुई हैं.' रविवार को अलग-अलग जगहों पर पटरियों पर पानी भर जाने के कारण 22 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था और 14 अन्य को विभिन्न स्थानों पर रोकना पड़ा था.
लगातार हो रही बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र नदी सहित अन्य नदियां पूरी उफान पर है जिसके चलते विभिन्न अंचलो में तटबंध टूटने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 37 और रेलवे मार्ग के बाढ़ के चपेट में आ जाने के कारण ऊपरी असम का निचली असम से पूरी तरह संपर्क टूट गया है. वही गुवाहाटी से डिब्रुगढ़ तक के लिए हवाई सेवा भी गत 16 जुलाई से बंद हो गई है. इसके कारण बहुत से लोगों को आवागमन को लेकर काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है.
एक तरफ जहा बाढ़ में घर बार डूबने के कारण लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं, वहीं असम के मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने सोमवार को डिब्रुगढ़ के बाढ़ पीड़ित अंचलो का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने आम जनता से बातचीत करने के साथ ही जन प्रतिनिधियों से बाढ़ की विस्तृत जानकारी ली ताकि आगामी दिनों में बाढ़ की समस्या से निजाद पाने के लिए कदम उठाए जा सके.
वहीं बिहार में अचानक आए बाढ़ की वजह से सीमांचल के इलाके की स्थिति बिगड़ रही है. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को आपदा को देखते हुए बैठक कर आवश्यक निर्देश अधिकारियों को देने के साथ केन्द्र सरकार को भी पूरी स्थिति से अवगत कराया है. बाढ़ के पानी से त्रस्त लोगों की सहायता के लिए लगभग सभी संबंधित विभाग कार्य में जुट गए हैं.