पटना: बिहार के एनजीओ घोटाले की रकम के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। मुख्य सचिव के आदेश पर सभी सरकारी विभाग अपने लेन-देन और हिसाब-किताब बैंक विवरणी से मिलान करने में जुटे हैं। इस बीच, भागलपुर के डीएम आदेश तितिरमारे के मुताबिक इस बाबत अब तक सात एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। इनमें कुल 700 करोड़ रुपये का चूना सरकारी खजाने को लगाने के आरोप हैं। एक एफआईआर सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक ने भी लिखवाई है, जिसमें 48 करोड़ रूपए सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खाते में गलत तरीके से ट्रांसफर किए गए। मामले में कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

डीएम के मुताबिक कल्याण विभाग द्वारा भी एक प्राथमिकी दर्ज कराई जानी है। कल्याण विभाग में भी फर्जी दस्तखत से 40 करोड़ रूपए बैंकों ने सृजन के खाते में हस्तांतरित किए हैं। सर्व शिक्षा अभियान के खातों का मिलान शाम तक होने की उम्मीद है। इसमें भी गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। यदि ऐसा हुआ तो बिहार के चारा घोटाला को भागलपुर का एनजीओ घोटाला पीछे छोड़ देगा। सूत्रों के मुताबिक सर्व शिक्षा अभियान का 525 करोड़ रूपए का लेन-देन का हिसाब नहीं मिल रहा है। अगर इस रकम को भी मिला दें तो इस घोटाले की कुल रकम 1027 करोड़ की हो सकती है। पड़ोसी जिले सहरसा से भी इसके तार जुड़े होने की बात कही जा रही है। उसका आंकड़ा कुछ और हो सकता है।