भारतीय उपभोक्ताओं ने खुद को ‘फ्रिज आॅब्सेसिव‘ के रूप में परिभाषित किया
आधे से अधिक भारतीय उपभोक्ताओं (53 प्रतिशत) ने दावा किया कि वे किसी भी समय अपने घर के फ्रिज में रखी सामग्री की सटीक जानकारी दे सकते हैं, करीब 5 में से 1 (19 प्रतिशत) लोग ऐसे हैं जिनकी रातों की नींद उड़ जाती है अगर फ्रिज का सामान रोज नहीं बदला जाता है और तीसरे सप्ताह में कम से कम एक बार ‘सैन्य परिशुद्धता’ के साथ फ्रिज को साफ करते हैं
गोदरेज एप्लायंसेज के बिजनेस हेड और ईवीपी श्री कमल नंदी के मुताबिक, यह हल्का-फुल्का सर्वेक्षण भारतीयों को ऐसे ‘फ्रिज दीवानों’ के रूप में प्रकट करता है, जो कि अपने फ्रिज की सामग्री और उसके रखरखाव का पूरा ख्याल रखते हंै। लगभग आधे उत्तरदाता (44 प्रतिशत) छुट्टियों पर जाने से पहलेे फ्रिज को खाली और साफ करते हैं, और इतने ही लोग फ्रिज में जमा करने से पहले हमेशा खाद्य पदार्थों को साफ करते हैं।
‘फ्रिज – और इसकी सामग्री – निश्चित रूप से कई भारतीयों के दिल से जुड़ा मामला है। हम एक फ्रिज दीवाने राष्ट्र नजर आते हैं! लेकिन इन निष्कर्षों में घरेलू संबंधों के इस सबसे सर्वव्यापी प्रोडक्ट के लिए अन्य रिश्तों और दृष्टिकोणों का भी पता चलता है,’ श्री नंदी कहते हैं।
अध्ययन के अन्य उत्तरदाता अपने फ्रिज के प्रति लापरवाह नजर आए। एक चैथाई से अधिक लोगों ने माना कि उन्हें अपने फ्रिज के बारे में बोतलबंद पानी से परे किसी सामग्री का कोई ख्याल नहीं है। 5 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनके लिए फ्रिज की सामग्री एक रहस्य से कम नहीं थी और 8 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्हें याद नहीं कि आखिरी बार उन्होंने अपने फ्रिज की सामग्री को कब बदला था।