लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधान परिषद में बजट की चर्चा के दौरान उत्तर देते हुए कहा कि बजट उत्तर प्रदेश के आम आदमी के विश्वास और जनसामान्य की आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह बजट किसी धर्म, जाति, वर्ग और मजहब का नेतृत्व नहीं करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कल्पनाओं का भारत बनाने का सपना है, ‘सबका साथ, सबका विकास’। पिछले 4 महीनों के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश के अन्दर कई कार्य किये हैं, जिन्हें यह बजट परिलक्षित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट विकास का प्रतिनिधित्व करता है। इस प्रकार का बजट पहली बार आया है, जिसमें जनता के ऊपर किसी भी प्रकार का कर नहीं लगाया गया है।

शिक्षामित्रों के मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव को इस बात के लिए अधिकृत कर दिया गया है कि वे सभी शिक्षामित्रों के प्रत्यावेदनों को लेकर सरकार के साथ बैठें। राज्य सरकार मा0 उच्चतम न्यायालय के फैसले की समीक्षा कर रही है, ताकि उसके दायरे में शिक्षामित्रों के लिए तर्कसंगत और विधिसंगत फैसला ले सके और शिक्षामित्रों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो सके। उन्होंने कहा कि जब सरकार इस मुद्दे पर गम्भीर है, तो सड़कों पर प्रदर्शन करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। हिंसा का मार्ग अपनाने से संवाद के रास्ते बन्द हो जाते हैं। लोकतंत्र संवाद से ही चलता है। लोकतंत्र में किसी मुद्दे पर सहमत या असहमत हो सकते हैं, लेकिन अन्ततः सभी की सब बातों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ते जाते हैं। उन्होंने सदन के माध्यम से अपील की कि शिक्षामित्र सड़कों पर तोड़-फोड़ व आगजनी न करें तथा पिछली सरकार के गलत कार्यों और उनके वोट बैंक की राजनीति को नकारते हुए विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य आरम्भ करें। सरकार के सभी विकल्प खुले हैं, ताकि इस समस्या के निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।

योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बजट में 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के 31 मार्च, 2016 तक के ऋण को माफ करने की व्यवस्था की गयी है। किसानों के ऋण मोचन के सर्टिफिकेट वितरित करने के लिए जनप्रतिनिधिगण व मंत्रिगण जाएंगे। ब्लाॅक, तहसील तथा विधान सभा स्तर पर यह कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं 16 अगस्त, 2017 को लखनऊ में ऋण मोचन सर्टिफिकेट वितरण कार्यक्रम में रहेंगे। इसके बाद पूरे प्रदेश में इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। साथ ही, 7वें वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू करने के लिए 30,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था भी की गयी है। यह बजट गांव, गरीब, दलित, अनुसूचित जाति, माहिलाओं और हर तबके के विकास को लेकर चलने वाला है। 5000 से अधिक क्रय केन्द्र स्थापित करके 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं को किसानों से सीधा क्रय करके उसका पैसा किसानों के खाते में देने का काम प्रदेश सरकार ने किया है। 23,000 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का भुगतान गन्ना किसानों के खाते में जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार किसानों के लिए स्वाॅयल टेस्टिंग का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को उत्तर प्रदेश में 2 वर्ष तक लागू ही नहीं किया गया। वर्तमान सरकार ने उसे एक साथ 2 वर्षाें के लिए लागू किया, जिससे किसान खुशहाल हो सके। किसान की उत्पादक क्षमता को बढ़ाकर दो-गुना किये जाने की दिशा में नया प्रयास प्रारम्भ किया गया है। किसानों के लिए प्रदेश में 20 कृषि विकास केन्द्र खोले जाने का कार्य किया गया है।

योगी जी ने कहा कि इस सरकार ने 67 हजार 682 करोड़ 61 लाख रुपए कृषि के लिए दिये हैं, जो पिछली सरकार से 29,771 करोड़ रुपए अधिक है। पिछली सरकार में शिक्षा में जो दुव्र्यवस्था थी, वह पहले कभी नहीं रही। प्रदेश के उच्चतर शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, आमदनी और नीलामी के अड्डे बन गए थे।

योगी ने कहा कि राज्य सरकार जाति, वर्ग, मजहब के नाम पर प्रदेश के अन्दर किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने देगी। यह सरकार प्रदेश के 22 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार है। प्रदेश के हर नागरिक का विकास और उसकी सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए कार्य कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी इस सरकार ने बजट में धनराशि बढ़ाई है। छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए पिछली सरकार की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक धनराशि बजट में दी है। प्राविधिक शिक्षा व व्यावसायिक शिक्षा के लिए पिछले बजट की तुलना में अधिक धनराशि दी गई है। उत्तर प्रदेश के नौजवानों के लिए कौशल विकास के क्षेत्र में एक अभिनव कार्यक्रम की व्यवस्था की गई है। पिछली बार की तुलना में कौशल विकास में ढाई गुना अधिक धनराशि की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश को एक सर्वोत्तम राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। स्वास्थ्य व चिकित्सा की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं। पहले की तुलना में स्वास्थ्य व चिकित्सा के मद में अधिक धनराशि की व्यवस्था की गई है। नगर विकास की योजनाओं के लिए 2017-18 के बजट में 13,189.01 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। बुन्देलखण्ड में सर्फेस वाॅटर के लिए 28 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सड़कों को वृहद् स्तर पर गड्ढामुक्त बनाने का कार्य किया गया। विरासत में 1 लाख 21 हजार किलोमीटर गड्ढायुक्त सड़कों में से 80 हजार किलोमीटर सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया। बरसात के बाद शेष बची सड़कों को भी गड्ढामुक्त किया जाएगा।
योगी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास की परियोजनाओं के लिए बजट में 7 प्रतिशत अधिक धनराशि दी गई है। ‘रेस्क्यू वैन’ और हेल्पलाइन ‘181’ सेवा शुरू की गई है। पूरे प्रदेश को ‘एयर कनेक्टिविटी’ से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। मथुरा, वृन्दावन और गोवर्धन को जोड़ने के लिए हेलीकाॅप्टर सेवा प्रारम्भ की जा रही है। जेवर में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का कार्य किया जा रहा है। इलाहाबाद के अर्द्धकुम्भ मेले के मद्देनजर प्रयागराज के विकास के लिए वृहद् स्तर पर परियोजनाएं बनाई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण की व्यवस्था के लिए पहले की तुलना में 77 प्रतिशत अधिक बजट दिया गया है। अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए गत वर्ष की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक बजट का प्राविधान किया गया है। दिव्यांगों के भरण-पोषण के लिए 70 प्रतिशत से अधिक की धनराशि की व्यवस्था की गई है। पुलिस आधुनिकीकरण का कार्य किया जा रहा है। पिछले 03 वर्षों के दौरान प्रदेश में 400 दंगे हुए, किन्तु वर्तमान सरकार के 04 महीने के कार्यकाल के दौरान एक भी दंगा नहीं हुआ। अपराध और अपहरण का ग्राफ गिरा है। जहां कहीं अपराध होता है, वहां तुरन्त कार्यवाही की जाती है। अपराधी भाग रहे हैं, घटनाओं का पर्दाफाश हुआ है। जेवर की चुनौतीपूर्ण घटना के अपराधियों को पकड़ा गया। झांसी के व्यापारियों के अपहरण से सम्बन्धित अपराधी पकड़े गए। आजमगढ़ की घटना को अंजाम देने वालों की गिरफ्तारी हुई है। सीतापुर की घटना के दुर्दान्त अपराधी जेल के अन्दर हैं। शेष बचे अपराधी शीघ्र ही कानून की चपेट में आएंगे। उन्होंने कहा कि कृत्यों को छिपाने के लिए इस प्रकार की आपराधिक घटनाओं को राजनीतिक संरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।

योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने विकास में रोड़ा अटकाने का काम किया है। केन्द्र और प्रदेश की योजनाओं को मिलाकर राज्य का विकास किया जा सकता था, लेकिन उन्हें रोका गया। केन्द्र सरकार 150 लाइफ सपोर्टिंग एम्बुलेन्स प्रदेश को देना चाहती थी, लेकिन वर्ष 2014 में ऐसा नहीं किया गया। इस सरकार ने एक माह के अन्दर 150 लाइफ सपोर्टिंग एम्बुलेन्स लीं और हर जिले में दो-दो एम्बुलेन्स उपलब्ध करवी दी गई हैं। एन0एच0आर0एम0 घोटाले की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान दवाइयों के अभाव में लोगों की मृत्यु हुई। इस सरकार ने विकास की योजनाएं बनाईं। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने और आजीविका मिशन के लिए जो धनराशि उपलब्ध कराई गई है, वह पिछली बार की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत कार्य किया जा रहा है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 3 हजार 255 करोड़ रुपए की व्यवस्था सरकार ने की है।

प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 20990.88 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय और गरीब परिवार के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 4 करोड़ 32 लाख राशन कार्डों के सत्यापन का कार्य चल रहा है। राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है। यह व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है कि हर गरीब को राशन मिले और खाद्यान्न की चोरी रोकी जा सके। यदि कोई भूख से मरेगा, तो जिलाधिकारी और जिला पूर्ति अधिकारी की जवाबदेही तय होगी।

ग्रामीण क्षेत्र के आवास के लिए पिछले बजट की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक धनराशि दी गई है। शहरी क्षेत्र में आवास के लिए 3000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो पिछली बार की तुलना में अधिक है। शहरी क्षेत्र में आवास के लिए ढाई लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी, जिसमें से डेढ़ लाख रुपए प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत भारत सरकार की ओर से और एक लाख रुपए प्रदेश सरकार की ओर से दिए जाएंगे। शहरी क्षेत्र में 2 लाख आवासों को बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस बात की समय-सीमा तय की जा रही है कि निर्धारित अवधि के अन्दर बिल्डर आवास उपलब्ध कराए। अब बिल्डर को रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
सरकार ‘अमृत योजना’ चला रही है। 61 ऐसे नगर हैं, जहां पर सीवर, डेªनेज, पार्क आदि की व्यवस्था नहीं है। इसकी व्यवस्था करने के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है, जिसमें भारत सरकार का भी अंश है। प्रदेश में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सर्व शिक्षा अभियान में 27 प्रतिशत अधिक धन की व्यवस्था बजट में की गई है। सरकार ने फिजूलखर्ची व अनुत्पादक खर्चों पर अंकुश लगाया है। भ्रष्टाचार पर प्रहार करके 12,000 करोड़ रुपये की बचत की है। 10,000 करोड़ रुपये की बचत अन्य गैर जरूरी खर्चाें पर रोक लगाकर की है। प्रदेश में युवाओं के पलायन को रोकने के लिए नई औद्योगिक नीति तैयार की गई है। बुन्दलेखण्ड को एक्सप्रेस-वे के साथ जोड़ने की कार्यवाही की गई है। बुन्देलखण्ड में पेयजल का संकट दूर किया जा रहा है। गोरखपुर के पिपराइच, मुण्डेरवा तथा बागपत में बन्द पड़ी चीनी मिलों के स्थान पर 02 नई चीनी मिलें लगने जा रही हैं।

आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के नौजवानों को पलायन नहीं करना होगा। राज्य में ही रोजगार मिलेंगे। प्रधानमंत्री जी की डिजिटल भारत योजना के तहत कार्य प्रारम्भ किया गया है। 100 चिकित्सालयों को ई-हाॅस्पिटल से जोड़ते हुए लोगों को सुविधा मुहैया कराई गई है। प्रदेश में कई मण्डलों में एक भी मेडिकल काॅलेज नहीं हैं। जिस मण्डल में जमीन उपलब्ध होगी, वहां सरकार की मेडिकल काॅलेज खोलने की योजना है। प्रदेश की जनता को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। गोरखपुर में एम्स का कार्य प्रारम्भ हो गया है। 86 हजार 100 लोगों को मुफ्त बिजली कनेक्शन का लाभ प्रदान किया गया है।
रामायण सर्किट के तहत अयोध्या को 4-लेन सी0सी0 रोड से जोड़ा जा रहा है। अयोध्या के विकास के लिए कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। वहां के घाटों का जीर्णोद्धार होगा। बुद्ध सर्किट पर कार्य चल रहा है। अयोध्या में अखण्ड रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। धार्मिक स्थलों का विकास किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में धार्मिक और ईको पर्यटन के लिए काफी अवसर हैं। पूरे प्रदेश का समान रूप से विकास होगा और यह बजट इसी विकास की प्रक्रिया को जोड़ने का कार्य करेगा।

प्रदेश की जनता को उसका हक, किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य, मजदूरों को उचित मजदूरी और बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है। केन्द्र सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन कराकर प्रदेश की जनता को लाभान्वित कराने का कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार की ‘मुद्रा बैंक योजना’ को नौजवानों के लिए तथा ‘स्टैण्ड-अप योजना’ को अनुसूचित जाति/जनजाति व महिलाओं के लिए अच्छी योजना बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के अन्दर 16 हजार 500 से अधिक बैंक हैं। इन बैंक शाखाओं को बढ़ाने के लिए सरकार कार्य कर रही है। अनुसूचित जाति के साथ-साथ नौजवानों के लिए स्किल डेवलेपमेण्ट प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के अन्दर 1 करोड़ 51 लाख बच्चों को यूनिफाॅर्म, बैग, किताब, जूते-मोजे देने का कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। सरकार यह प्रयास कर रही है कि बच्चों को जुलाई से लेकर अगस्त तक यूनिफाॅर्म जरूर मिल जाए।
योगी ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर अनेक कार्यक्रम प्रदेश में आयोजित किए जा रहे हैं। हर विश्वविद्यालयों में पं0 दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। उनके जीवन दर्शन पर आधारित अनेक प्रकार के कार्यक्रम ब्लाॅक से लेकर राज्य स्तर पर करने का सरकार ने निर्णय लिया है। मुगलसराय शहर और मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पं0 दीन दयाल उपाध्याय नगर और पं0 दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन रखा जाएगा। वृक्षारोपण का कार्य पूरे प्रदेश में एक अभियान के रूप में किया जा रहा है। 05 जुलाई को गंगा जी के तट पर वन तथा अन्य विभागों के समन्वय से 1.30 करोड़ वृक्षों को लगाने का कार्य किया गया। पूरे प्रदेश में 4.5 करोड़ वृक्षों का रोपण किया गया।