गाय के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, हिंसक गोरक्षकों पर कड़ी कार्रवाई करे राज्य सरकारें: पीएम मोदी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि गाय की रक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री ने साथ ही राज्य सरकारों को कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ ‘बेहद सख्त’ कार्रवाई करने को कहा। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में मोदी ने सांसदों से कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य के अधीन विषय है और इसलिए राज्य सरकारों को गाय के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संसद भवन में हुई बैठक में मोदी के वक्तव्य के हवाले से संवाददाताओं से कहा, “केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश भेजे हैं। कानून व व्यवस्था राज्य के अधीन विषय है। इसलिए गाय के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।” मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल गोरक्षा को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं और इसका राजनीतिक लाभ उठा रहे हैं, जो देश के हित में नहीं है। प्रधानमंत्री ने सभी दलों से कहा, “गोरक्षा को सांप्रदायिक रंग देकर राजनीतिक लाभ उठाने की जो दौड़ शुरू हो गई है, वह देश के हित में नहीं है। हर किसी को साथ आकर इसे खत्म करना चाहिए।” अनंत कुमार के मुताबिक, मोदी ने कहा, “देश में गाय की रक्षा के लिए कानून है। लेकिन गोरक्षा के नाम पर अपराध को अंजाम देना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” विपक्ष ने इस मुद्दे को संसद में उठाने का फैसला किया है।
मोदी ने कहा, ”मॉनसून सत्र के पहले सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो गत 3 वर्षों में हर सत्र में Productivity में बढ़ोतरी हुई है। मुझे उम्मीद है कि मॉनसून सत्र में भी समय, संसाधन और सदन की मर्यादा का ध्यान रखते हुए सार्थक विचार-मंथन होंगे। जीएसटी के समय जिस तरह से सभी राजनीतिक दल एक साथ आए, इसके लिए सभी दल धन्यवाद के पात्र हैं। जीएसटी लागू हुए 15 दिन से ज्यादा हो रहे हैं और इन 15 दिनों में ही कई सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं। पिछले बजट सत्र को एक महीने पहले करने के अच्छे परिणाम आये हैं। CAG के अनुसार पिछले साल अप्रैल जून के मुकाबले इस बार 30% ज्यादा राशि खर्च हुई। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े परियोजनाओं में इस बार Capital expenditure पिछले साल के मुकाबले 49 प्रतिशत बढ़ा है।”