कोलकाता: पश्चिम बंगाल के 24-परगना जिले के बशीरहाट इलाके में गुरुवार (6 जुलाई) को एक बार फिर हिंसा भड़क गई। सोशल मीडिया पोस्‍ट को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पों के बाद इलाके में धारा 144 लगाई गई थी। गुरुवार को, पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने केंद्र द्वारा अतिरिक्‍त पैरामिलिट्री फोर्स की पेशकश को ठुकरा दिया है। दूसरी तरफ, बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने एक टीम बनाई है जो हिंसाग्रस्‍त इलाकों का दौरा करेगी। इस टीम में ओम माथुर, मीनाक्षी लेखी, सत्‍यपाल सिंह, कैलाश विजयवर्गीय जैसे बड़े नाम हैं। फेसबुक पर एक अपमानजनक पोस्‍ट के बाद दो समुदाय आमने-सामने आ गए। मंगलवार (4 जुलाई, 2017) को भीड़ ने पुलिस बल पर हमला किया और उनकी कई गाड़‍ियां फूंक दीं। पश्चिम बंगाल पुलिस ने ट्वीट के जरिए चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है, “जिम्मेदार लोगों को जिम्मेदारीपूर्वक ही ट्वीट करना चाहिए, न कि अफवाह फैलाने और सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने के मकसद से। किसी तरह की अफवाह न फैलाएं। प्रशासन शांति एवं सौहार्द बनाए रखने की पूरी जिम्मेदारी लेता है।”

राज्‍य में सांप्रदायिक हिंसा के बीच मुख्‍यमंत्री और राज्‍यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के बीच विवाद बढ़ता दिख रहा है। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच उत्तर 24 परगना जिले बदुरिया में सांप्रदायिक हिसा को लेकर तीखी बातचीत टेलीफोन पर हुई। इसके बाद तुरंत ममता ने त्रिपाठी पर हमला बोला। ममता ने त्रिपाठी पर अपमानित करने व धमकी देने का आरोप लगाया। राजभवन ने इन आरोपों से इनकार करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की और ममता के ‘व्यवहार व भाषा’ को लेकर आश्चर्य जताया।

ममता ने मंगलवार को कहा था, “हम सोशल मीडिया के समर्थन में हैं, लेकिन केंद्र सरकार खास एजेंडा पर काम कर रही है। कई बार इनका उद्देश्य फेसबुक के जरिए नफरत से भरे समूह खड़े करना और दंगे भड़काना होता है। सोमवार की घटना इसी का उदाहरण है। सोशल मीडिया पर झूठी तस्वीरें प्रसारित की गईं, जिनका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं था।”