किसानों पर आफत बनकर बरसेगा GST
नई दिल्ली: पहले से तंगहाली के शिकार किसानों की परेशानी क्या जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स) से बढ़ जाएगी या फिर यह उन्हें इसका फायदा मिलेगा. यह सवाल हर किसान के मन में कौंध रहा है.
इस समय धान की रोपाई का समय है. इस परिवर्तन का इस फसल पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसका राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने अनुमान लगाया है. महासंघ के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद धान की फसल लागत लगभग 2244 रुपये प्रति एकड़ बढ़ जाएगी.
एक जुलाई से पहले खाद पर टैक्स का स्लैब विभिन्न राज्यों में 0 से लेकर 7 फीसदी तक था. केरल, जम्मू-कश्मीर और पंजाब, हरियाणा में इस पर कोई टैक्स नहीं था. ऐसे में इन राज्यों में किसानों पर जीएसटी की मार पड़ेगी. क्योंकि कीटनाशकों पर खाद और बीज पर जो छूट मिल रही है वह समाप्त हो जाएगी. खाद पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा.
पेस्टिसाइड पर जीएसटी से पहले 12.5 फीसदी एक्साइज लगता था. लेकिन अब इस पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा. इससे सभी पेस्टिसाइड महंगे हो जाएंगे. ट्रैक्टर निर्माण के लिए उसके पार्ट्स पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा. जो पहले 5 से 17 फीसदी तक रहता था. यानी ट्रैक्टर लेना भी महंगा हो जाएगा.
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ की कोर टीम के सदस्य बिनोद आनंद का कहना है कि एक एकड़ में यूरिया पर 63 रुपये, डीएपी पर 392 रुपये, कीटनाशकों पर 239 रुपये और हार्वेस्टिंग-ट्रांसपोर्ट में 420 रुपये की वृद्दि हो जाएगी. फिलहाल तो महंगाई की मार पड़ेगी लेकिन आगे चलकर व्यवस्था पारदर्शी होने के कारण लाभ मिलने की भी संभावना है.
सीए सुनील मंगला का कहना है कि जीएसटी का लांग टर्म में फायदा होगा. इसे तुरंत लाभ के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. बदलाव को स्वीकार करना चाहिए.