लखनऊ । Plz…अब जो हो चुका वह लौट कर नही आयेगा…यह आखिरी शब्द थे उस छात्रा के जो कल तक अपनी सहेलियों के साथ कालेज के परिसर मे ठहाके लगाकर हँसती थी और पूरा हास्टल उसकी हँसी से गूँज उठता था l आखिर ऐसी कौन सी परिस्थितियाँ पैदा हो गई थी जिसने एक छोटे से गाँव से डॉक्टर बनने की उमंग लेकर आई नेहा की माँ और एकलौते भाई की आत्मा कपा देने वाले शब्द लिखने पर मजबूर कर दिया था ।

राजधानी के महानगर थाना क्षेत्र के विवेकानंद कालेज ऑफ नर्सिंग (वीसीएनएल ) के हास्टल मे नर्सिंग कोर्स कर रही छात्रा नेहा कश्यप की लाश मंगलवार कालेज के हास्टल मे संदिग्ध परिस्थितयों मे पंखे से दुपट्टे के सहारे टंगी हुई मिली ,घटना की जानकारी मिलते ही कालेज की प्रिन्सिपल ने महानगर थाने मे सूचना दी पुलिस ने मौके पर पहुँच कर शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया था ,पुलिस कमरे से नेहा द्वारा लिखा सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है साथ ही उसका मोबाइल और डायरी सीज़ करके सबूतों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही के लिये भेज दी है शुरुआती जाँच मे लड़की की पंखे से लटककर खुद्कुशी करने की पुष्टि हुई है ।

महानगर थाना क्षेत्र स्थित विवेकानंद नर्सिंग कालेज मे नेहा कश्यप जीएनएम फर्स्ट ईयर (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी ) की छात्रा थी । नेहा मूलरुप से सीतापुर के लोहारबाग की रहने वाली थी और लखनऊ के विवेकानंद से नर्सिंग का कोर्स कर रही थी । और वह यहाँ कालेज के हास्टल मे रह रही थी । मंगलवार को देर तक रूम से न निकलने पर किसी अनहोनी की शंका मे प्रिंसिपल ने पुलिस को सूचना दी दोपहर लगभग 12 बजे कमरे का दरवाजा खुलवाया गया तो नेहा की लाश पंखे से दुपट्टे के सहारे लटक रही थी ।इसकी सूचना लखनऊ के आलमबाग मे रह रहे नेहा के नाना दीपक कश्यप को दी तो तुरंत उन्होने इसकी सूचना उनके घर पर निखिल कश्यप को दी ।

क्या जिस के सिर पर पिता का हाथ न हो उसे जीने का कोई हक नही ???

नेहा सीतापुर के एक छोटे से गाँव की रहने वाली थी जो लखनऊ से नर्सिंग का कोर्स कर रही थी ,कुछ समय पूर्व ही उसके पिता की मृत्यु हो चुकी थी ,उसकी माँ उसे बड़ी मशक्कत से पढ़ा रही थी ।

भाई का रो-रो कर हुआ बुरा हाल माँ है सदमें मे

नेहा एक छोटे से परिवार की सदस्य थी जिसमे उसकी माँ और भाई ही थे पिता का कुछ समय पहले ही देहांत हुआ था अब नेहा की मृत्यु ने दोनो को झकझोर दिया है ।नेहा का एकलौता भाई निहाल है जो बीकॉम की पढ़ाई और एनसीसी कर रहा है का रो रो कर बुरा हाल है जबकि माँ को पति के बाद बेटी की मौत ने सदमें मे पहुँचा दिया है ।

माँ का सपना रह गया अधूरा

नेहा नर्सिंग की पढाई पूरी करके एक अच्छी बिटिया बनने का सपना पूरा करने वाली थी जोकि उसकी मौत के साथ ही अधूरा रह गया ।