पाकिस्तानी नौका में हुए धमाके का मामला पेचीदा हुआ
सरकार अपने बयान पर कायम, अधिकारी को शो कॉज़ नोटिस
सूरत/नई दिल्ली। अरब सागर में भारतीय तट के पास 31 दिसंबर की रात को एक पाकिस्तानी नौका में हुए धमाके का मामला पेचीदा और विवादास्पद होता जा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के बाद भारतीय कोस्ट गार्ड ने एक प्रेस रिलीज़ में कहा है कि नौका के बारे में विवादित बयान देने वाले अधिकारी को शो कॉज़ नोटिस भेजा गया है।
केंद्रीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि सरकार ने संदिग्ध पाकिस्तान की आतंकी नाव पर जो बयान दिया था, उस पर वह कायम है। नाव आतंकी थी, इस बात को साबित करने के लिए जल्द ही सबूत जारी किए जाएंगे।
सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण मीडिया में आई उन रिपोर्टो के बाद आया है जिनमें कोस्ट गार्ड के डीआईजी बी के लौशली को यह कहते हुए दिखाया गया है जिसमें वह कह रहे हैं कि उनके आदेश के बाद पाकिस्तानी नाव को उड़ा दिया गया था।
डीआईजी का यह बयान सरकार के उस बयान के एकदम विपरीत था जो नाव के नष्ट होने के बाद दिया गया था। रक्षामंत्री ने कहा कि वह उस वीडियो की जांच करवाएंगे जिसमें डीआईजी को यह कहते हुए दिखाया गया है कि उन्होंने ही नाव को उड़ाने का आदेश दिया था। मंत्री के अनुसार, डीआईजी ने अगर वाकई यह दावा किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले, अरब सागर में पोरबंदर तट के नजदीक 31 दिसंबर 2014 की रात को संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को डूबने को लेकर कोस्ट गार्ड के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) बी के लौशाली के आदेश देने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया था की लौशाली ने संदिग्ध नाव को उड़ाने का आदेश दिया था। डीआईजी लौशाली ने हालांकि अखबार में छपी इस खबर को सिरे से नकारते हुए कहा था कि उन्होने ऎसा कोई आदेश नहीं दिया था। यह खबर गलत है।
उनके इस बयान के बाद इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें डीआईजी लौशाली को भाषण देते हुए दिखाया है। भाषण में लोशाल कह रहे हैं कि उम्मीद करता हूं की आपको 31 दिसंबर की रात याद होगी। हमने पाकिस्तान को उड़ा दिया। मैं उस वक्त गांधीनगर में था। रात को ही मैंने आदेश दिया की नाव को उड़ा दो। हम नहीं चाहते की उन्हें बिरयानी खिलाई जाए।
इससे पहले, तट रक्षक बल के उप महा निरीक्षक तथा उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के मुख्य कमांडर बी के लौशाली ने इन खबरों का खंडन किया है उन्होंने अरब सागर में पोरबंदर तट के नजदीक 31 दिसंबर की रात को संदिग्ध पाकिस्तानी नौका में विस्फोट कर उसे डूबाने का आदेश दिया था। तट रक्षक बल के उप महानिरीक्षक तथा उत्तर पश्चिम कमांड के मुख्य कमांडर वी के लौैशाली ने एक लिखित ब्यान में में कहा कि खबर में उन्हें गलत उद्धत किया गया है।
उन्होंने इस संबंध में एक खंडन भी भेजा है जिसमें कहा गया है कि उन्होंने नौका में विस्फोट करने करने का आदेश नहीं दिया था। लौशाली ने इस संबंध में अहमदाबाद में पत्रकारों से भी कहा कि यह खबर गलत है और वह इसका खंडन करते हैं। उनका दावा है कि खबर में उनका हवाला गलत तरीके से दिया गया है। सच्चाई यह है कि पाकिस्तानी नौका में स्वत: आग लगने के बाद डूब गई थी।
अखबार ने लौशाली के हवाले से खबर दी है कि उन्होंने ही पाकिस्तान से आई इस नौका को विस्फोट में उड़ाने और उसे डूबोने का आदेश दिया था। खबर में यह भी दावा किया कि डीआईजी ने बाद में एक सार्वजनिक समारोह के दौरान भी यही बात दोहराई थी।
लौशाली ने इस संबंध में जारी बयान में बुधवार को कहा, इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर आधारहीन है और मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है। मैंने इस तरह का बयान नहीं दिया है। हालांकि, यह जरूर कहा है कि देश द्रोहियों की सेवा करने के बजाए उन्हें कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जानी चाहिए। सच्चाई यह है कि मैंने इस काम को अकेले अंजाम नहीं दिया। मैं यह दोहराना चाहता हूं कि नौका में अपने आप विस्फोट हुआ और उसे बल के जवानों ने डुबोया नहीं है।