महिलाओं की उपलब्धियाँ समाज के सामने आनी चाहियें: राम नाइक
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में डाॅ0 प्रीति ‘कबीर’ की पुस्तक ‘सलीब पर टंगी हुई औरत’ का विमोचन किया। विमोचन समारोह का आयोजन संस्था ‘शब्द’ की ओर से किया गया था। इस अवसर पर राज्यपाल की प्रमुख सचिव सुश्री जूथिका पाटणकर, संस्था के अध्यक्ष श्री यू0एन0 पाण्डेय, उपाध्यक्ष श्री देवकी नंदन शांत व अन्य विद्वतजन उपस्थित थे।
राज्यपाल ने लेखिका का अभिनंदन करते हुये कहा कि डाॅ0 प्रीति कबीर ने महिला पीड़ा के विषय पर अपने भावों को बखूबी उकेरा है। समाज में महिलाओं की स्थिति आज भी संतोषजनक नहीं है। अनेक देवियों एवं पराक्रमी महिलाओं को हम शक्ति का प्रतीक मानते हैं तथा हमारे लिये पूजनीय हैं, मगर व्यवहारिक रूप से समाज में आम महिला का दूसरा चित्र नजर आता है। सभ्य समाज में भू्रण हत्या एवं लिंगानुपात में असंतुलन होना चिंता का विषय है। बेटियों और बेटों को शिक्षा का सामान अवसर मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति सोच एवं नजरिया बदलने की जरूरत है।
श्री नाईक ने कहा कि कुलातिधपति के तौर पर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्होंने यह देखा है कि छात्रों की तुलना में छात्राओं को अधिक पदक प्राप्त हो रहे हैं। 65 प्रतिशत पदक लड़कियाँ प्राप्त कर रही हैं। महिला सशक्तीकरण की बदलती तस्वीर भारत के लिये शुभ संकेत है। अनेक क्षेत्रों में महिलाओं की दमदार उपस्थिति ने यह साबित कर दिया है कि उचित वातावरण मिले तो बेटियाँ हर क्षेत्र में प्रगति कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सफलता एवं उनकी उपलब्धियाँ समाज के सामने आने चाहियें।
पुस्तक की लेखिका डाॅ0 प्रीति कबीर ने पुस्तक के बारे में बताया कि यह पुस्तक महिलाओं पर आधारित है जिसमें भू्रण हत्या, महिला शिक्षा, घरेलू हिंसा आदि पर भी विचार रखे गये हैं। उन्होंने कहा कि महिला का सम्मान बढे़गा तो देश बढे़गा और शिक्षित नारी ही देश को आगे बढ़ा सकती है।