जीडीपी में गिरावट का कारण नोटबंदी नहीं: अरुण जेटली
नई दिल्ली: मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्र सरकार के काम का लेखा-जोखा पेश किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार वाली व्यवस्था खत्म की जिससे दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था की साख मजबूत हुई। राज्यों में अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। जीडीपी के आंकड़ों पर बोलते हुए वित्त मंत्री बोले की भारत पर वैश्विक मंदी का असर दिखा है। साथ ही 3 में से 2 साल मानसून खराब गया था। जेटली ने वृद्धि दर पर नोटबंदी के प्रभाव पर कहा, “वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में वृद्धि दर में गिरावट के लिए मिले-जुले कारण जिम्मेदार।”
जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नवंबर 2016 में उठाए गए नोटबंदी के कदम के तीन विशिष्ट लाभ रहे हैं। उन्होंने कहा,”नोटबंदी से तीन प्रमुख लाभ हुए हैं। पहला, डिजिटिलीकरण की तरफ रूझान बढ़ा है। करदाताओं की संख्या बढ़ी है और एक संदेश गया है कि अब नकदी में कारोबार करना आसान नहीं है।”
प्रत्यक्ष विदेशी नीति (एफडीआई) ने इस दिशा में अहम रोल निभाया है. हम सर्वाधिक एफडीआई प्राप्त करने वाले देश बन चुके हैं. हमने राज्यों को भी मजबूत करने का प्रयास किया है. भारत में हम आम सहमति के आधार पर एक संघीय कर ढांचे (जीएसटी) को अंतिम रूप दे रहे हैं. एक बार जब इसका क्रियान्वयन हो जाएगा तो हमें इसके लाभ मिलेंगे. सरकार ने सभी इकोमॉनिक लीकेज खत्म करने की कोशिश की है.
भारत-पाक संबंधों पर बोलते हुए अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने समस्या के समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए. पीएम मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री समेत सार्क नेताओं को आमंत्रित किया. उसके बाद उन्होंने लाहौर की यात्रा की. ये सारे कदम अपने पड़ोसी के साथ तनाव को कम करने की दिशा में ही उठाए गए. लेकिन इसका जवाब पठानकोट, उड़ी और सैनिकों के साथ बर्बरता के रूप में दिया गया. बातचीत के माहौल को पाकिस्तान ने खत्म किया.