जामिया मिलिया की अमीर-ए-जामिया बनीं नज्म हेपतुल्लाह
नई दिल्ली: मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला को सर्वसम्मति से जामिया मिलिया इस्लामिया का कुलाधिपति (अमीर-ए-जामिया) नियुक्त किया गया है। पांच वर्षों के लिए यह नियुक्ति 25 मई को एक विशेष बैठक के दौरान युनिवर्सिटी कोर्ट ने की। युनिवर्सिटी ने एक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी। जामिया मिलिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “हेपतुल्ला ने लेफ्टिनेंट जनरल एम.ए.जकी (सेवानिवृत्त) की जगह ली है, जिनका पांच वर्षो का कार्यकाल पूरा हो चुका है। हेपतुल्ला का कार्यकाल 26 मई से प्रभाव में आया।” नई नियुक्ति के बाद हेपतुल्ला को राज्यपाल पद से इस्तीफा देना होगा। कुलपति तलत अहमद ने हेपतुल्ला की नियुक्ति पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा, “युनिवर्सिटी उनके राजनीतिक तथा सार्वजनिक जीवन के भरपूर अनुभवों से लाभान्वित होगी। उनके साथ काम करना तथा संसद एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके विशिष्ट करियर से ज्ञान प्राप्त करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।” भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की नातिन हेपतुल्ला सन् 1986 से लेकर 2012 तक राज्यसभा की पांच बार सदस्य रह चुकी हैं, साथ ही वह राज्यसभा की उप सभापति भी रह चुकी हैं।
नरेंद्र मोदी की सरकार में वह केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री भी रहीं। सरकार में मंत्रीपद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। हेपतुल्ला सन् 1993 में इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन (आईपीयू) के महिलाओं के संसदीय समूह की अध्यक्षता कर चुकी हैं और वह सन् 1999 से 2002 तक आईपीयू की अध्यक्ष रहीं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा अपने मानव विकास का राजूदत नामित किया जा चुका है।