राजभवन में महाराष्ट्र दिवस समारोह का शानदार आयोजन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में आज राजभवन में ‘महाराष्ट्र दिवस समारोह’ का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। राजभवन में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल एवं उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा के साथ दीप प्रज्जवलित कर विधिवत समारोह का उद्घाटन किया। 1 मई को महाराष्ट्र राज्य की स्थापना हुई थी। इस दिन महाराष्ट्र में बृहद स्तर पर आयोजन किये जाते हैं। समारोह में मराठी के प्रसिद्ध गायक श्री श्रीधर फडके द्वारा स्व0 जी0डी0 माडगुलकर द्वारा रचित ‘गीत रामायण’ की प्रस्तुति दी गयी। उल्लेखनीय है कि ‘गीत रामायण’ की रचना जी0डी0 माडगुलकर द्वारा की गयी थी तथा इसको मूल रूप से श्रीधर फड़के के पिता स्व0 सुधीर फड़के द्वारा गाया गया था।
राज्यपाल ने कहा कि ‘मैं दो साल से कह रहा था कि हर प्रदेश अपने स्थापना दिवस का उत्सव मनाता है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से कहा कि मुंबई में उत्तर प्रदेश वासियों द्वारा उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। राज्य में जो भी सरकार होती है वह राज्यपाल की सरकार कहलाती है। मेरी उस सरकार ने मेरी बात नहीं मानी थी पर आज मेरी इस सरकार ने मेरी बात मानकर उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है। मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ। उत्तर प्रदेश के लोग पूरे विश्व में रहते हैं और सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाने का निर्णय उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों के लिये एक उपहार होगा तथा उत्तर प्रदेश के बाहर रहने वाले प्रदेश के नागरिकों को एकजुट करने का अवसर भी प्रदान करेगा।’
श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश का महाराष्ट्र से पुराना नाता है। भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था पर वनवास के लिये नासिक गये थे। शिवाजी का राज्याभिषेक काशी के गागा भट्ट ने कराया था। उत्तर प्रदेश में प्रथम स्वाधीनता संग्राम में झांसी की रानी और नानाजी पेशवा सहित अन्य मराठी लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने ‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है’ जैसी सिंह गर्जना लखनऊ में की थी। सदी के महानायक कहे जाने वाले सिने कलाकार अमिताभ बच्चन का रिश्ता उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से है लेकिन उनका कार्यक्षेत्र मुंबई है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग प्रकार के अनेकों रिश्ते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों प्रदेशों का आपस में अटूट रिश्ता है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर महाराष्ट्र के इतिहास पर प्रकाश डालते हुये स्व0 जी0डी0 माडगुलकर द्वारा रचित गीत रामायण के बारे में भी बताया। गीत रामायण को स्वरबद्ध करने वाले स्व0 सुधीर फड़के थे। अपने रिश्ते बताते हुये उनके कार्यों पर भी प्रकाश डाला। राज्यपाल ने इस अवसर पर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के प्रो0 पद्मश्री एम0एम0 गोडबोले, कुष्ठ पीड़ितों की सहायता करने वाले डाॅ0 प्रकाश आमटे तथा समारोह में गीत रामायण की प्रस्तुति देने वाले कलाकार श्री श्रीधर फड़के वह उनके सहयोगियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मान भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण की शुरूआत ‘जय महाराष्ट्र’ से की तथा कुछ पंक्तियाँ मराठी भाषा में बोलकर उपस्थित लोगों का अभिनंदन करते हुये बधाई दी। उन्होंने बताया कि राज्यपाल की प्रेरणा से ‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’ आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुसार अगले वर्ष से 24 जनवरी को हर जिले में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया जायेगा जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये जायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में मराठी भाषा पढ़ाये जाने की भी व्यवस्था की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि वंदे मातरम् राष्ट्रीयता का जीवंत उदाहरण है। वंदे मातरम् ने देश की स्वाधीनता के लिये सब कुछ न्यौछावर करने की प्रेरणा युवाओं को दी। राज्यपाल ने सांसद रहते हुये संसद में वंदे मातरम् तथा सांसद निधि की शुरूआत करायी। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल द्वारा उच्च शिक्षा में सुधार हेतु लिये गये निर्णयों की प्रशंसा करते हुये कहा कि दीक्षांत समारोह समय पर आयोजित हो रहे हैं और विश्वविद्यालयों के सत्र भी नियमित हो गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा शिक्षा, समाज और राष्ट्र से जुड़े मुद्दे प्रभावी ढंग से उठाये जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1960 में लोकतांत्रिक संघर्षों के बाद महाराष्ट्र अलग राज्य के रूप में स्थापित हुआ। महाराष्ट्र का धार्मिक, राजनैतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में योगदान अप्रतिम है। राष्ट्रीयता के लिये शिवाजी का नाम लिया जाता है। शिवाजी ने हिन्दवी साम्राज्य की स्थापना की तथा बिना किसी भेदभाव के स्वाभिमान से जीने का रास्ता दिखाया। उन्होंने महाराष्ट्र के इतिहास पर भी संक्षिप्त विचार रखे।
इस अवसर पर मराठी में पुस्तिका ‘गीत रामायण’ का वितरण भी किया गया। समारोह का आयोजन महाराष्ट्र समाज लखनऊ, मराठी समाज उत्तर प्रदेश व भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय लखनऊ के सहयोग से राजभवन में किया गया था। कार्यक्रम में श्री श्रीधर फड़के ने अपनी विशिष्ट शैली में गीत रामायण प्रस्तुत करके उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। श्री फड़के ने कार्यक्रम की शुरूआत ‘वंदे मातरम्’ से की तथा महाराष्ट्र गीत ‘जय-जय महाराष्ट्र माझा’ जैसी शानदार प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में राज्यपाल की पत्नी श्रीमती कुंदा नाईक, सांगली से सांसद श्री काका पाटिल, भातखण्डे संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 श्रुति सडोलीकर काटकर, महाराष्ट्र समाज लखनऊ के अध्यक्ष श्री अनुराग नातू, मराठी समाज उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री उमेश पाटील सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।