लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश की सड़कों को 15 जून, 2017 तक गड्ढामुक्त करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि मौरम, बालू जैसे उप खनिजों के खनन पर लगी रोक के फलस्वरूप निजी एवं शासकीय कार्यों में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं, जिससे विकास कार्य के साथ-साथ राजस्व भी प्रभावित न हा़े। इसके साथ ही, आम जनता को भी असुविधाओं का सामना न करना पड़े।

मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अभियान की उच्चस्तरीय समीक्षा कर रहे थे। इस बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री स्वतंत्र देव सिंह भी उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सड़कों के त्वरित निर्माण एवं रख-रखाव के लिए सड़क निर्माण निगम बनाने के लिए मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए।

श्री योगी ने सड़कों एवं नये पुलों के साथ-साथ निर्माणाधीन सड़कों एवं पुलों का काम तेज करने का निर्देश देते हुए कहा कि सेण्ट्रल रोड फण्ड के तहत जो सड़क परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं, उनका कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील कराने के लिए चिन्हांकन का कार्य शीघ्र पूरा करते हुए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव प्रेषित कराए जाएं।

बुन्देलखण्ड क्षेत्र को दिल्ली से 04/06 लेन की सड़क से जोड़ने की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख सचिव पर्यटन ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को कन्नौज जनपद के तिर्वा से उरई तक जोड़ने के लिए जो प्रस्ताव दिया है, उस पर शीघ्र निर्णय लिया जाए। साथ ही, झांसी से इलाहाबाद के लिए वर्तमान सड़क को 04/06 लेन की सड़क में परिवर्तित करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया जाए, जिससे इस पूरे क्षेत्र का विकास सम्भव हो सके। इसी प्रकार प्रस्तावित नये पुलों तथा गोवर्धन, काशी एवं अयोध्या आदि धार्मिक स्थलों को अच्छी सड़कों से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाए।

श्री योगी ने अपर मुख्य सचिव खनन को निर्देशित किया कि अल्प अवधि के लिए दिए जाने वाले खनन पट्टों की ई-टेण्डरिंग प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से पूरी करायी जाए, जिससे खनन का कार्य शीघ्र शुरू हो सके और आम जनता के उपयोग के लिए जरूरी निर्माण सामग्री मौरम, बालू आदि की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही, अधिकृत व्यवस्था के तहत अन्य प्रदेशों से आने वाले वाहनों के माध्यम से खनिजों की आपूर्ति बढ़ाने का भी प्रयास किया जाए।

मुख्यमंत्री ने लम्बी अवधि (05 वर्ष) के लिए दिए जाने वाले खनन पट्टे के लिए अब तक लिए गए निर्णय की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि इसकी प्रक्रिया भी अविलम्ब शुरू की जाए, जिससे आने वाले समय में मौरम/बालू की कमी न होने पाए। उन्होंने कहा कि लम्बी अवधि के खनन पट्टों को पारदर्शी बनाने के लिए ई-टेण्डरिंग के अलावा पूरी खनन प्रक्रिया पर सैटेलाइट मैपिंग के द्वारा निगाह रखी जाए, जिससे इस कार्य में गलत तत्वों को लाभ उठाने का मौका न मिले। साथ ही, विगत में गलत प्रक्रिया अपनाने के कारण राज्य सरकार को खनन राजस्व में हुए घाटे की भरपाई के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि जनपदों में भी खनन से सम्बन्धित फाइलों को किसी भी दशा में तीन दिन से अधिक लम्बित न रखा जाए।