लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जन समस्याओं का शीघ्रता से समाधान तथा समाज के अन्तिम व्यक्ति तक न्याय पहँुचाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। सभी राजकीय अधिकारी एवं कर्मचारी राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप जनता की शिकायतें सुनें और उन्हें न्याय दिलायंे। उन्होंने कहा कि जनशिकायतों के त्वरित निस्तारण के दृष्टिगत तहसील और थाना दिवस को समाधान दिवस के रूप में आयोजित किया जाए। समाधान दिवस पर तहसील परिसर में दिव्यांगजन के प्रमाणपत्र सहित जाति, निवास, आय आदि प्रमाण पत्रों को एक ही छत के नीचे बनाने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री आज जनपद देवरिया स्थित सलेमपुर के बापू इण्टर कालेज में आयोजित सामाजिक अधिकारिता शिविर एवं दिव्यांगजन को निःशुल्क सहायक उपकरण वितरण के लिए आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 1032 दिव्यांगजन को 74 लाख 86 हजार रुपए की लागत के सहायक उपकरणों का वितरण किया। सहायक उपकरण प्राप्त करने वाले पूर्व पंजीकृत दिव्यांगजन सलेमपुर संसदीय क्षेत्र की 5 विधानसभा क्षेत्रों सेे थे।

श्री योगी ने कहा कि जो दिव्यांगजन सहायक उपकरण प्राप्त करने से शेष रह गए हैं उन्हंे भी कैम्प लगाकर उपकरण प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिव्यांगजन के प्रति काफी संवेदनशील हैं। केन्द्र सरकार द्वारा उनके सशक्तिकरण एवं कल्याण के लिये अनेक योजनाए संचालित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश सरकार दिव्यांगजन के सशक्तिकरण के लिये संचालित योजनाआंे को मूर्तरूप देने का कार्य कर रही है। इसी उद्देश्य से भारत सरकार के सौजन्य से यह समारोह आयोजित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 9 लाख दिव्यांगजन हैं जिन्हें आर्थिक सहयोग के रूप में पूर्व में मिल रही 300 रुपए की मासिक पेंशन को बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। जो दिव्यांगजन पेंशन से वंचित है उन सभी को भी पंेशन दी जाएगी। इसके अलावा दिव्यांगजन के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार कई अन्य कार्यक्रम भी संचालित कर रही है। प्रदेश में पूर्व की स्थिति में सुधार लाने में समय लग सकता है लेकिन सुधार अवश्य ही होगा। उन्होंने प्रमाणपत्र से वंचित दिव्यांगजन हेतु प्रत्येक सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर प्रमाणपत्र बनाये जाने का निर्देश देते हुए कहा कि तहसील दिवस पर भी प्रमाणपत्र बनाये जाने की व्यवस्था की जाए।

श्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानांे के हित में अनेक योजनाएं संचालित की हंै। गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य के बकाये के भुगतान हेतु समय सीमा तय की गयी है। मिल मालिकांे को पिछला भुगतान करने की चेतावनी भी दी गई है, भुगतान न करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। अभी तक 5500 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। उन्हांेने कहा कि प्रतापपुर चीनी मिल को चालू कराये जाने की व्यवस्था करने के निर्देश मिल प्रबंधक को दे दिए गए हैं। भटनी सहित अन्य चीनी मिलांे को औने-पौने दाम पर बेचेने की जांच करायी जायेगी तथा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्रों के माध्यम से पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले तीन गुना अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है। साथ ही, कृषकों को उनके खाते में भुगतान भी किया जा चुका है।