यूपी: भू-माफियाओं पर कसेगा शिकंजा
हर जिले में एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स स्थापित करने का निर्णय
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में नियत प्राथमिकताओं के तहत हर जिले में एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अन्तर्गत भू-माफियाओं द्वारा जब्त की गई सरकारी जमीनों को मुक्त कराया जाएगा और दोषियों को सजा दी जाएगी। इसके लिए 4 स्तरों पर टास्क फोर्स गठित की जाएंगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तर, मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डल स्तर, जिलाधिकारी की अध्यक्षता मंे जिला स्तर एवं उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील स्तर पर टास्क फोर्स गठित होंगी।
अवैध कब्जा/अतिक्रमण हटाए जाने हेतु सबसे पहले शासकीय सम्पत्तियों एवं ऐसे दबंग व्यक्तियों, जिनकी प्रवृत्ति/पेशा शासकीय/निजी सम्पत्तियों पर येन-केन प्रकारेण कब्जा करने की है, उनको चिन्ह्ति कर सूचीबद्ध किया जाएगा। अतिक्रमण को चिन्ह्ति करने का दायित्व सम्बन्धित विभागों/स्थानीय निकायों/जनपद स्तरीय अधिकारियों को होगा, जो दो माह के भीतर अपने विभाग/प्राधिकरणों की सम्पत्ति पर हुए अतिक्रमण, अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए, किए गए प्रयासों एवं आ रही बाधाओं को सूचीबद्ध करेंगे तथा इस आशय की सूचना जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। लावारिस एवं निजी सम्पत्तियों पर अवैध कब्जेदारों को चिन्ह्ति करने का कार्य पुलिस विभाग द्वारा किया जाएगा।
अवैध कब्जा/अतिक्रमण चिन्ह्ति करने के उपरान्त सम्बन्धित विभाग अपने शासनादेशों के अनुसार अतिक्रमण हटाने की प्रभावी कार्यवाही करेंगे। जहां शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की संलिप्तता पाई जाएगी, वहां सम्बन्धित के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी भूमि पर किसी न्यायालय के आदेश द्वारा किसी भी प्रकार के आदेश/स्थगन आदेश की शरण लेकर अवैध कब्जा किया गया है, तो प्रश्नगत वाद को निस्तारित कराने हेतु सम्बन्धित न्यायालय में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाएगी।
किसी शासकीय/निजी भूमि पर अवैध कब्जे के प्रयास की कोई सूचना प्राप्त होती है, तो उसे गम्भीरता से लेते हुए त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी तथा अवैध कब्जे के प्रयास को विफल किया जाएगा। यदि तत्परता से कार्यवाही करने में किसी भी स्तर पर शिथिलता बरती जाती है, तो सम्बन्धित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सरकारी/अर्द्ध सरकारी/निगम/प्राधिकरण/उपक्रम आदि की भूमि पर भविष्य में कोई अनाधिकृत निर्माण न हो, इसके लिए सम्बन्धित मण्डल स्तरीय/जिला स्तरीय अधिकारी उत्तरदायी होंगे।
सार्वजनिक गलियों/मार्गों, सार्वजनिक पार्कों अथवा अन्य सार्वजनिक स्थानों आदि पर धार्मित स्थल के निर्माण के सम्बन्ध में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश दिनांक 29 सितम्बर, 2009 के क्रम में गृह (पुलिस) अनुभाग-9 के शासनादेश दिनांक 18 अक्टूबर, 2009 तथा दिनांक 3 अप्रैल, 2010 द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों पर प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। टास्क फोर्स द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सक्षम न्यायालय/प्राधिकारी द्वारा बेदखली के आदेश प्राप्त होने के उपरान्त बेदखली की कार्यवाही तत्परता से की जाए एवं इसमें कोई अनावश्यक विलम्ब न हो।
राज्य स्तरीय टास्क फोर्स अपने कार्यों के तहत जनपदीय स्तर पर गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा भू-माफियाओं के चिन्हीकरण, उनके विरुद्ध की गई कार्यवाही, चिन्ह्ति अतिक्रमण/अवैध कब्जे से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में अतिक्रमण/अवैध कब्जा हटाने की कार्यवाही की जनपदवार मण्डलीय टास्क फोर्स द्वारा कृत कार्यवाही की समीक्षा प्रत्येक दो माह में एक बार करेगी। इसी प्रकार मण्डलीय टास्क फोर्स जनपद स्तर पर गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा चिन्ह्ति अतिक्रमण/अवैध कब्जे एवं प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में कब्जा हटाने के सम्बन्ध में कृत कार्यवाही की जनपदवार समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट राज्य स्तरीय टास्क फोर्स को प्रत्येक माह उपलब्ध कराएगी।
जिला स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा सरकारी विभागों/स्थानीय निकायों/प्राधिकरणों के स्वामित्व/प्रबन्धाधीन सम्पत्तियों पर हुए अतिक्रमण/अवैध कब्जे के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारी से राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप पर पूर्ण विवरण प्राप्त कर आगामी दो माह में अवैध कब्जे से प्रभावित सम्पत्तियों का विवरण संकलित करना सुनिश्चित किया जाएगा। राजस्व विभाग के प्रबन्धाधीन शासकीय/ग्राम पंचायत की भूमि पर अवैध कब्जों का चिन्हीकरण तथा उनके हटाए जाने के सम्बन्ध में तहसील स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी।
तहसील स्तरीय टास्क फोर्स यह सुनिश्चित कराएगी कि शासकीय एवं निजी भूमियों पर अवैध कब्जे के सम्बन्ध में विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही 15 दिन के भीतर करा ली जाए और कृत कार्यवाही का विवरण वेबपोर्टल पर अंकित कर लिया जाए।