लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके दो साथियों को बलात्कार के आरोप में आज लखनऊ की एक अदालत ने जमानत दे दी। पाक्सो न्यायालय के न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्र ने प्रजापति तथा सह अभियुक्तों विकास वर्मा तथा अमरेंद्र सिंह उर्फ मिंटू को एक-एक लाख रुपए के निजी मुचलके तथा इतनी ही राशि के बांड पर जमानत दे दी। मालूम हो कि एक महिला से बलात्कार करने और उसकी नाबालिग बेटी से दुराचार की कोशिश के आरोप में प्रजापति तथा छह अन्य अभियुक्तों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था। प्रजापति को पिछली 15 मार्च को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था।
आपको बता दें कि एक महिला ने प्रजापति पर आरोप लगाया है कि मंत्री ने उसे सपा का बड़ा चेहरा बनाने का झांसा देकर अक्तूबर 2014 से दो साल तक उसके साथ बलात्कार किया। मंत्री व उनके सहयोगियों पर महिला का वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करने व सामूहिक बलात्कार का आरोप है। महिला का कहना है कि 2016 में मंत्री के जन्मदिन पर उसे बुलाया गया था। उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी छेड़छाड़ की गई थी। महिला का आरोप है कि प्रजापति के सरकारी आवास पर उसका आना जाना था। मंत्री के पुराने साथी अशोक तिवारी उसे बुलाकर मंत्री के पास लाते थे।

गौरतलब है कि मंत्री रहते हुए प्रजापति पर कई भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे जिसके चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रजापति का मंत्री पद वापस ले लिया था लेकिन कुछ समय बाद उसे फिर से मंत्री पद दे दिया गया। विधानसभा चुनावों में गायत्री प्रजापति सपा के टिकट पर अमेठी से चुनाव मैदान में थे लेकिन रेप का मामला सामने आने के बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग उठनी लगी और वो फरार हो गया। केस दर्ज किए जाने के बाद भी गायत्री प्रजापति चुनाव प्रचार करते रहे लेकिन पुलिस उनको गिरफ्तार नहीं कर पाई।